कौन हैं भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम, जो बने सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति?
क्या है खबर?
भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम ने सिंगापुर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में चीनी मूल के 2 उम्मीदवारों को करारी शिकस्त देकर जीत दर्ज की है।
थर्मन को विरोधियों के संयुक्त वोटों के भी दोगुने वोट मिले हैं और अब वे सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं।
बता दें कि सिंगापुर में करीब एक दशक से ज्यादा समय बाद 1 सितंबर को मतदान हुआ था।
नतीजे
क्या रहे चुनावों के नतीजे?
सिंगापुर के चुनाव आयोग के मुताबिक, 1 सितंबर को हुए मतदान में 93.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इसमें से 70.4% वोट थर्मन को मिले।
थर्मन के विरोधियों एन कोक सांग को 15.72 प्रतिशत और टेन किन लियान को 13.88 प्रतिशत वोट मिले हैं।
सांग सिंगापुर गवर्नमेंट इन्वेस्टमेंट कॉर्प (GIC) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी रहे हैं। लियान देश के सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह NUTC के मुखिया रह चुके हैं।
थर्मन
कौन हैं थर्मन?
थर्मन का जन्म 25 फरवरी, 1957 को सिंगापुर में हुआ था। उनके दादा तमिलनाडु के रहने वाले थे और उनके सिंगापुर के प्रसिद्ध डॉक्टर थे। थर्मन के पिता को 'सिंगापुर में पैथोलॉजी के जनक' के रूप में जाना जाता है।
थर्मन ने एंग्लो-चाइनीज स्कूल में पढ़ाई की है और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली है। थर्मन ने कैंब्रिज और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की है।
अर्थशास्त्री
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री भी हैं थर्मन
थर्मन पेशे से एक अर्थशास्त्री हैं और कई उच्चस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय परिषदों और पैनलों का हिस्सा रहे हैं।
वे 2011 से 2023 के बीच सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण, केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष और 2019 और 2023 के बीच सिंगापुर सरकार निवेश निगम (GIC) के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की नीति सलाहकार समिति, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (IMFC) की अध्यक्षता भी की है। इस पद पर पहुंचने वाले वे पहले एशियाई हैं।
राजनीति
राजनीति में कैसे हुई थर्मन की एंट्री?
थर्मन 2001 में सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) में शामिल हो गए थे। अब तक के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाला है।
वे शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, जनशक्ति मंत्री और सामाजिक नीतियों के समन्वय मंत्री रहे हैं। वे 2011 से 2019 के सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री भी रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने इसी साल जून में सभी सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
सिंगापुर
न्यूजबाइट्स प्लस
थर्मन सिंगापुर के राष्ट्रपति बनने वाले भारतीय मूल के तीसरे शख्स हैं। इससे पहले 1981 से 1985 तक देवेन नायर और 1911 से 2011 तक एसआर नाथन सिंगापुर के राष्ट्रपति बनने वाले भारतीय मूल के शख्स थे।
सिंगापुर में 11 साल बाद राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान हुआ है। इससे पहले राष्ट्रपति चुनने में आम लोगों की कोई भागीदारी नहीं होती थी। संसद के सदस्य ही राष्ट्रपति का चुनाव करते थे।