श्रीलंका बम धमाके: सरकार ने जिहादी संगठन तौहीद जमात को ठहराया जिम्मेदार, राष्ट्रपति ने लगाया आपातकाल
रविवार को देश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए श्रीलंका की सरकार ने जिहादी आतंकी संगठन तौहीद जमात को जिम्मेदार ठहराया है। स्वास्थ्य मंत्री रंजीता सेनारत्ने ने राजधानी कोलंबो में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह बात कही। इन धमाकों में 290 लोग मारे गए हैं, जबकि लगभग 500 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 5 भारतीय भी शामिल हैं। इस बीच राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार रात से पूरे देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की है।
ईस्टर के मौके पर हुए 8 बम धमाके
रविवार को ईसाइयों के सबसे पवित्र त्यौहार ईस्टर के मौके पर आतंकियों ने चर्चों और आलीशान होटलों को निशाना बनाया था। नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च सहित कोलंबो और बट्टिकलोआ के चर्चों में सबसे पहले बम धमाके हुए। इनके साथ ही कोलंबो के 3 आलीशान होटलों द शंगरी ला, सिनामन ग्रांड और किंग्सबरी में भी बम धमाके हुए। आखिरी दो धमाके कुछ समय बाद कोलंबो के एक होटल और निजी घर में हुए।
कोलंबो बस अड़्डे पर बरामद हुए 87 बम डेटोनेटर
देर शाम कोलंबो के मुख्य एयरपोर्ट पर भी एक बम मिला, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। वहीं, सोमवार दोपहर को कोलंबो बस अड्डे पर भी 87 बम डेटोनेटर बरामद हुए। खबरों के अनुसार, हमलों के लिए आत्मघाती हमलावरों को इस्तेमाल किया गया था।
हमले के पीछे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हाथ होने की आशंका
श्रीलंकाई कैबिनेट के प्रवक्ता सेनारत्ने ने सभी आत्मघाती हमलावरों के श्रीलंका का नागरिक होने की संभावना जताई। हालांकि जिस सुनियोजित तरीके से धमाकों को अंजाम दिया गया, उससे हमले में अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हाथ होने की आशंका भी जताई जा रही है। उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि हमलों के पीछे एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हाथ है, जिसके बिना इन हमलों को अंजाम देना संभव नहीं था।" सरकार ने अन्य देशों से जांच में मदद करने की अपील की है।
बम धमाके एक बड़ी खुफिया असफलता
बता दें कि इन हमलों को श्रीलंका की बड़ी असफलता माना जा रहा है क्योंकि हमलों की खुफिया जानकारी पहले से ही मौजूद थी। खुद भारत ने श्रीलंका को 22 अप्रैल को या उससे पहले चर्चों और होटलों पर हमले हो सकने की खुफिया जानकारी दी थी। इसके अलावा हमलों से 10 दिन पहले ही श्रीलंका पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदरा ने प्रसिद्ध चर्चों पर आत्मघाती हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके बावजूद आतंकी हमला करने में सफल रहे।
तौहीद जमात का अपना हाथ होने से इनकार
श्रीलंकाई सरकार ने भले ही तौहीद जमात को हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया हो, लेकिन वह इसमें अपना हाथ होने से इनकार कर रहा है। इसके अलावा अन्य किसी संगठन ने भी हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
कौन है आतंकी संगठन तौहीद जमात?
तौहीद जमात एक जिहादी आतंकी संगठन है जो श्रीलंका के पूर्वी क्षेत्र के अलावा भारत के तमिलनाडु में भी सक्रिय है। जमात क्षेत्र में शरिया कानून लागू करने और महिलाओं को बुर्के में रखने का बात कहता है। इसके अलावा उसने कट्टर संदेश देने के लिए मस्जिदों को भी निर्माण किया है। वह पिछले साल भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़ने के बाद चर्चा में आया था। उसकी गतिविधियां बौद्धों और मुस्लिम के बीच तनाव का कारण बनती हैं।