फ्रांस: पेंशन बिल को लेकर पेरिस में बवाल, हिंसक प्रदर्शन के बाद 120 लोग गिरफ्तार
क्या है खबर?
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा पेंशन सुधारों को लेकर सेवानिवृत्ति की आयु दो साल बढ़ाने के फैसले के बाद पूरे पेरिस में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए संसद में वोटिंग को दरकिनार कर सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से 64 करने करने वाले पेंशन बिल को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि यह फ्रांस की पेंशन प्रणाली को दिवालिया होने से बचाने के लिए बिल्कुल सही कदम है।
मामला
क्या था मामला?
फ्रांस की सरकार सेवानिवृत्ति की आयु को 2 साल बढ़ाने को लेकर एक बिल लाई है, जिसके तहत सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से बढ़ाकर 64 कर दी गई है।
बीती 11 मार्च को यह बिल यह निचले सदन में पास हो गया था और इसे कानूनी रूप देने के लिए ऊपरी सदन में वोटिंग होनी थी।
गुरुवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों संसद में संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिना वोटिंग के ही कानूनी मंजूरी दे दी है।
झड़प
पेरिस में पुलिस ने 120 प्रदर्शनकारियों को किया गिरफ्तार
फ्रांस में इस पेंशन बिल को लेकर काफी समय से प्रदर्शन हो रहे थे, लेकिन गुरुवार को हुई विरोध प्रदर्शनों में कई इलाकों में हिंसा भी देखी गई।
इसके बाद पुलिस के साथ हुई प्रदर्शनकारियों की झड़पों में पेरिस में कम से कम 120 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस दौरान सोशल मीडिया पर प्लेस डे ला कॉनकॉर्ड में हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो भी साझा किये जा रहे थे।
विरोध
क्यों हो रहा पेंशन बिल का विरोध?
नए पेंशन बिल के तहत अब न्यूनतम सेवाकाल की अवधि बढ़ जाएगी, जिसके तहत 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 44 साल काम करना होगा।
अभी देश में न्यूनतम सेवा काल की अवधि 42 साल है। सरकार पेंशन सुधारों को लेकर इस बिल को महत्वपूर्ण बता रही है, जबकि कई कर्मचारी संगठन इस बिल के खिलाफ हैं।
पिछले कई महीनों से इसे लेकर लामबंद प्रदर्शन हो रहे हैं और कई कर्मचारी संगठन हड़ताल पर हैं।
जानकारी
पेरिस की सड़कों पर गंदगी का अंबार
पेंशन बिल के विरोध में पेरिस में सफाई कर्मचारी काफी दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसके चलते पेरिस की सड़कों पर गंदगी का अंबार दिख रहा है। पेरिस की सड़कों पर करीब 7,000 टन कचरा जमा हो चुका है।
सरकार
क्यों विरोध के बाद भी अड़ी है सरकार?
फ्रांस में कामकाजी के मुकाबले सेवानिवृत्त लोगों की संख्या अधिक है और पिछले 5 दशकों में यह अनुपात गड़बड़ा गया है।
देश की मौजूदा पेंशन प्रणाली में सरकार को अपने राजस्व का एक बहुत बड़ा हिस्सा पेंशन के रूप में लोगों को देना पड़ा रहा है। ऐसे में कामकाजी और सेवानिवृत्त लोगों के बीच के अनुपात में तालमेल बैठाने के लिए सरकार इस बिल को हर हाल में पास करवाना चाहती है
संसद
विपक्षी नेताओं ने संसद के भीतर भी किया पेंशन बिल का विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को राष्ट्रपति मैक्रों के इस फैसले का फ्रांसीसी संसद के भीतर भी विरोध किया गया था, जिसमें कुछ विपक्षी पार्टियों ने ने अपने हाथों में '64 साल नहीं' लिखी हुई तख्तियां पकड़ी हुई थी और फ्रांसीसी राष्ट्रगान गा रहे थे।
इसी बीच राष्ट्रपति ने वोटिंग किये बिना ही सदन में बिल को पास कर दिया है, जिसके बाद सड़कों को इस फैसले के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देखे गए।