बांग्लादेश में फिर सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी; जल्द चुनाव की मांग, सेना तैनात
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं। अब देश की अंतरिम सरकार के खिलाफ ही प्रदर्शन हो रहे हैं। बीते दिन सैकड़ों लोगों ने रैली निकालकर देश में जल्द चुनाव की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने इस रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जल्द चुनाव कराकर नई सरकार का गठन किया जाए।
जल्द चुनावों की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार है। यूनुस ने अभी तक चुनावों के लिए कोई समय सीमा घोषित नहीं की है। BNP ने कहा था कि अंतरिम सरकार बनने के 3 महीने के भीतर चुनाव कराए जाना चाहिए। BNP ने कहा था कि अगर अंतरिम सरकार चुनावों के लिए योजना पेश नहीं करती है तो पार्टी 2-3 महीनों में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
नूर हुसैन दिवस पर जुटे प्रदर्शनकारी
वहीं, नूर हुसैन दिवस पर हसीना की पार्टी अवामी लीग ने प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसके खिलाफ BNP सक्रिय हो गई हैं। BNP ने कहा कि वे आवामी लीग को विरोध प्रदर्शन नहीं करने देंगे। ढाका पुलिस ने किसी भी पक्ष को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि बांग्लादेशी कार्यकर्ता नूर हुसैन को 10 नवंबर 1987 को ढाका में तत्कालीन राष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद इरशाद के खिलाफ प्रदर्शन करते समय पुलिस ने गोली मार दी थी।
सेना की 191 टुकड़ियां तैनात
प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की 191 टुकड़ियां तैनात की हैं। राजधानी ढाका और इसके आसपास के इलाकों के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इनकी तैनाती की गई है। इस बीच, अंतरिम सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, "अवामी लीग वर्तमान में एक फासीवादी पार्टी है। इस पार्टी को बांग्लादेश में कोई विरोध कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।"
हसीना के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की तैयारी
अंतरिम सरकार शेख हसीना और दूसरे भगोड़ों को वापस लाने के लिए इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है। विधि मामलों के सलाहकार डॉक्टर आसिफ नजरुल ने ये जानकारी दी है। बता दें कि इस संबंध में अवामी लीग ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में भी शिकायत की है। इस पर नजरूल ने कहा, "ICC द्वारा शिकायत स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है।"
तख्तापलट के बाद हसीना को छोड़ना पड़ा था देश
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। 5 अगस्त की शाम प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कुछ अधिकारियों और अपनी बहन के साथ भारत आ गई थीं। हिंसा में 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद सेना ने अंतरिम सरकार बनाकर नोबल पुरस्कार विजेता मुहम्मद युनूस को इसका प्रमुख सलाहकार बनाया है।