मालदीव: क्या भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की कुर्सी जाएगी? जानें महाभियोग का गणित
क्या है खबर?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत विरोधी रुख भारी पड़ रहा है और अब उनकी सरकार पर खतरे की तलवार लटक रही है।
विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह सही समय पर उनके खिलाफ महाभियोग ला सकती है और उसके पास संसद में पर्याप्त समर्थन भी है।
मालदीव सरकार ने विपक्ष की इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
राष्ट्रपति
विपक्ष का दावा- प्रस्ताव पर संख्या से अधिक हस्ताक्षर
मालदीव की वेबसाइट द एडीशन के अनुसार, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के संसदीय समूह (PG) के नेता मोहम्मद रशीद हुसैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव विचार करने के बाद उचित समय पर लाया जाएगा।
MDP के संसदीय समूह का दावा है कि प्रस्ताव के लिए आवश्यक संख्या से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि इसमें सत्ता पक्ष के सांसदों के भी वोट शामिल होंगे।
जानकारी
कब प्रस्तुत किया जाएगा प्रस्ताव?
सांसद हुसैन ने कहा, "हम इसे प्रस्तुत करने से पहले समय और हालातों पर विचार कर रहे हैं। जब सही समय आएगा, हम यह प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।" उन्होंने कहा कि 27 मई को वर्तमान संसदीय कार्यकाल की समाप्ति से पहले ये प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने एक बयान जारी कर खुलासा किया है कि उन्होंने संसद के स्थायी आदेशों में हुए उस हालिया संशोधन को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जो MDP को अकेले अपने वोटों के आधार पर राष्ट्रपति को हटाने की अनुमति देते हैं।
अटॉर्नी जनरल अहमद ने बताया कि कोर्ट ने अभी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है।
संशोधन
संशोधन क्या है?
नवंबर, 2023 में 7 सांसदों ने मुइज्जू सरकार में प्रमुख पदों के लिए संसद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने 2024 में निर्धारित चुनावों का हवाला देते हुए उपचुनाव नहीं कराए।
इस बीच MDP ने स्थायी आदेशों में संशोधन कर सांसदों की कुल संख्या निर्धारित करते समय खाली सीटें न गिनने का प्रावधान किया।
इससे कुल संख्या अब 87 से घटकर 80 हो गई, महाभियोग चलाने के लिए अब 58 के बजाय 54 वोटों की आवश्यकता है।
संख्य
महाभियोग के लिए क्या है संसद का गणित?
पिछले हफ्ते MDP और अन्य विपक्षी पार्टी 'द डेमोक्रेटस' ने वर्तमान सरकार के खिलाफ हाथ मिला लिया था।
अब मालदीव की संसद में कुल 80 सदस्य हैं। MDP के पास 45 और उसकी सहयोगी द डेमोक्रेटस के पास 13 सदस्य हैं और यह मिलकर कुल 56 हो गए हैं। ऐसे में दोनों पार्टियां मिलकर महाभियोग प्रस्ताव ला सकती हैं।
पर्याप्त संख्या होने पर प्रस्ताव पारित हुआ तो मुइज्जू सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
माफी
विपक्ष की मांग- भारत से माफी मांगे राष्ट्रपति मुइज्जू
मुइज्जू को भारत विरोधी नीति के लिए एक तरफ महाभियोग प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है तो दूसरी ओर एक और विपक्षी पार्टी ने उनसे तुरंत भारत से माफी की मांग की है।
मालदीव जम्हूरी पार्टी (JP) के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा, "पड़ोसी देश के बारे में हमें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, जिससे दोनों देशों के रिश्ते को प्रभावित करती है। मैं राष्ट्रपति मुइज्जू से औपचारिक रूप से माफी मांगने की मांग करता हूं।"
भारत विरोधी
राष्ट्रपति मुइज्जू भारत विरोधी, लेकिन चीन समर्थक
15 नवंबर, 2023 को मुइज्जू ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वह भारत विरोधी और चीन समर्थक माने जाते हैं।
जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का राजकीय दौरा किया था और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले थे।
हाल में मालदीव सरकार ने भारत की आपत्ति के बावजूद एक चीनी जहाज को माले बंदरगाह में रुकने की अनुमति दी थी। इस चीनी जहाज पर भारत और अमेरिका की जासूसी का आरोप लगता है।