
कौन हैं अशोक गाडगिल और सुब्रा सुरेश, जिन्हें मिला अमेरिका का सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों डॉ अशोक गाडगिल और डॉ सुब्रा सुरेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित किया।
गाडगिल को प्रौद्योगिकी और नवाचार में राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया गया, वहीं सुरेश को राष्ट्रीय विज्ञान पदक से सम्मानित किया गया ।
आइए जानते हैं कि अमेरिका का सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार पाने वाले ये दोनों भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक कौन हैं।
प्रोफाइल
कौन हैं डॉ अशोक गाडगिल?
डॉ गाडगिल का जन्म 15 नवंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से भौतिकी से स्नातक किया हुआ है।
उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से पूरी की और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से भौतिकी में MSc और PhD की उपाधि प्राप्त की।
वह वर्तमान में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और लॉरेंस बर्कले राष्ट्रीय प्रयोगशाला में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में काम करते हैं।
सुब्रा सुरेश
कौन हैं सुब्रा सुरेश?
डॉ सुरेश भारतीय मूल के अमेरिकी बायोइंजीनियर, सामग्री वैज्ञानिक और अकादमिक हैं।
वह एमेरिटस प्रोफेसर और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के पूर्व डीन हैं।
उनका जन्म 1956 में मुंबई में हुआ था और उन्होंने IIT मद्रास से BTech की है।
उन्होंने 1979 में आयोवा राज्य विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया और 1981 में MIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में PhD की।
आविष्कारक
गाडगिल हैं एक प्रसिद्ध आविष्कारक, किये हैं कई बड़े काम
डॉ गाडगिल एक जाने-माने आविष्कारक हैं।
उन्होंने विकासशील देशों में स्वच्छ पानी, ऊर्जा दक्षता और स्वच्छता तक पहुंच में सुधार के लिए सस्ती और प्रभावी प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़े कई काम किये हैं। इस दिशा में वो आज भी प्रयासरत हैं।
उन्हें एक आविष्कार के लिए गैर-यूरोपीय देशों की श्रेणी में 2011 में यूरोपीय आविष्कारक पुरस्कार मिला था।
वह डेवलपमेंट इम्पैक्ट लैब और स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान केंद्र फॉर वॉटर एनर्जी टेक्नोलॉजीज के संकाय निदेशक हैं।
शोध
डॉ सुरेश ने इन विषयों पर किया है शोध
डॉ सुरेश ने जैविक कोशिकाओं और अणुओं के नैनोमैकेनिक्स और मानव रोग की स्थिति, पी फाल्सीपेरम मलेरिया, वंशानुगत रक्त कोशिका विकार, कोशिकाओं से जुड़े वंशानुगत विकार और कैंसर जैसे कई विषयों पर शोध किया हुआ है।
वह MIT के 5 स्कूलों में से किसी एक का नेतृत्व करने वाले एशियाई मूल के पहले प्रोफेसर थे।
जून, 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (NSF) के निदेशक के रूप में नामित किया था।
सम्मान
दोनों वैज्ञानिकों को किस चीज के लिए सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान दिया गया?
दोनों वैज्ञानिकों को जीवनरक्षक चिकित्सा उपचारों को सक्षम बनाने, ओपिओइड (ड्रग्स) महामारी से लड़ने में मदद करने और खाद्य सुरक्षा में सुधार जैसे अहम योगदानों के लिए ये सम्मान दिया गया।
व्हाइट हाउस ने कहा, "इन पदक विजेताओं ने ऐसी खोजें की हैं, जो जीवनरक्षक चिकित्सा उपचार को सक्षम बनाती हैं, ओपिओइड महामारी से लड़ने में मदद करती हैं, खाद्य सुरक्षा में सुधार करती हैं। उनकी उपलब्धियां विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में अमेरिकी नेतृत्व को आगे बढ़ाती हैं।"
पदक
क्या है प्रौद्योगिकी और नवाचार का राष्ट्रीय पदक?
प्रौद्योगिकी और नवाचार का राष्ट्रीय पदक (NMTI) तकनीकी उपलब्धि के लिए अमेरिका का सर्वोच्च सम्मान है, जो राष्ट्रपति द्वारा अमेरिका के प्रमुख नवप्रवर्तकों को दिया जाता है।
इस पदक का उद्देश्य उन लोगों को पहचानना है, जिन्होंने तकनीकी नवाचार के माध्यम से अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मकता, जीवन स्तर और जीवन की गुणवत्ता में स्थायी योगदान दिया और देश के तकनीकी कार्यबल को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।