त्वचा कैंसर के लिए दुनिया की पहली mRNA वैक्सीन का अंतिम परीक्षण शुरू
कैंसर से निपटने की राह में वैज्ञानिकों के हाथ एक जल्द ही बड़ी उपलब्धि लग सकती है। वैज्ञानिकों ने त्वचा कैंसर के लिए दुनिया की पहली mRNA वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है। ये वैक्सीन हर मरीज के लिए खास तौर से बनाई जाएगी, जो शरीर की कैंसर कोशिकाओं को खत्म करेगी। विशेषज्ञों ने पहले कैंसर को स्थायी रूप से ठीक करने में इस वैक्सीन की क्षमता को 'अभूतपूर्व' बताते हुए सराहना की है।
कैसे रहे वैक्सीन के पहले परीक्षणों के नतीजे?
वैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण में पाया गया था कि इसने मेलेनोमा (त्वचा कैंसर का एक प्रकार) के रोगियों में कैंसर के दोबारा लौटने का खतरा नाटकीय रूप से कम कर दिया है। दूसरे चरण के नतीजों में सामने आया था कि गंभीर उच्च जोखिम वाले त्वचा कैंसर से पीड़ित जिन मरीजों को इम्यूनोथेरेपी के साथ ये वैक्सीन लगाई गई थी, उनमें मरने की संभावना लगभग आधी हो गई थी।
तीसरे चरण के परीक्षण के बारे में क्या पता है?
वैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण के परीक्षण का नेतृत्व यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स (UCLH) द्वारा किया जा रहा है। तीसरे चरण के परीक्षण में अलग-अलग तरह के करीब 1,100 रोगियों को शामिल किया जाएगा। यूनाइटेड किंगडम (UK) में ही लंदन, मैनचेस्टर, एडिनबर्ग और लीड्स जैसी 8 शहरों में 60 से 70 मरीजों पर परीक्षण किया जाएगा। द गार्जियन से बात करते हुए परीक्षण में शामिल एक शख्स ने कहा, "मैं वास्तव में बहुत उत्साहित हूं।"
कैसे काम करती है वैक्सीन?
इस वैक्सीन को mRNA-4157 (V940) नाम दिया गया है। ये एक नियोएंटीजन थेरेपी है, जो कैंसर और ट्यूमर से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती है। ये नियोएंटीजन पर हमला करती है, जो ट्यूमर द्वारा पैदा किए जाते हैं। नियोएंटीजन से ही ट्यूमर का पता लगाया जाता है। ये वैक्सीन 34 तरह के नियोएंटीजन पर काम करती है और एंटी-ट्यूमर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करती है। इसमें अलग-अलग मरीजों के लिए खास बदलाव भी किए जा सकते हैं।
परीक्षण के नतीजे अभूतपूर्व होंगे- विशेषज्ञ
परीक्षण के राष्ट्रीय समन्वयक डॉक्टर हीथर शॉ ने कहा, "वैक्सीन में मेलेनोमा से पीड़ित लोगों को ठीक करने की क्षमता है और फेफड़े, मूत्राशय और गुर्दे सहित अन्य कैंसर में इसका परीक्षण किया जा रहा है। यह काफी हद तक एक वैयक्तिकृत थेरेपी है और कुछ मायनों में यह वैक्सीन से कहीं अधिक चतुर है। हमारा अंतिम लक्ष्य कैंसर के रोगियों को स्थायी रूप से ठीक करना है। मुझे उम्मीद है कि इसके नतीजे इम्यूनोथेरेपी में अभूतपूर्व होंगे।"