कौन है पर्सिवियरेंस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय महिला?
क्या है खबर?
शुक्रवार देर रात अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का पर्सिवियरेंस रोवर चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया।
मंगल की सतह पर उतरा यह अब तक का सबसे महत्वकांक्षी और एडवांस मिशन है।
इसकी सफलता ने कोरोना वायरस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका को खुश होने की नई वजह दी है।
इस मिशन की कामयाबी ने भारतीयों का सिर भी गर्व से ऊंचा किया है। इसकी वजह इस मिशन में एक भारतीय नाम का जुड़ा होना है।
जानकारी
गाइडेंस, नेविगेशन एंड कंट्रोल ऑपरेशंस लीड थीं स्वाति मोहन
भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन पर्सिवियरेंस प्रोजेक्ट की मार्स 2020 गाइडेंस, नेविगेशन एंड कंट्रोल ऑपरेशंस की प्रमुख थीं। उनके नेतृत्व में उनकी टीम ने अहम भूमिका निभाई थी। आइये, डॉ मोहन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बचपन
भारत में हुआ था जन्म
डॉ स्वाति मोहन का जन्म भारत में हुआ था। एक साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ वो अमेरिका चली गईं। उन्होंने अमेरिका से ही अपनी पढ़ाई पूरी की।
वो बताती हैं कि उनके दादा-दादी लंबे समय तक भारत में रहे। आज भी उनके कई रिश्तेदार बेंगलुरू में रहते हैं।
BBC को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए कई बार माता-पिता के साथ भारत आई थीं।
जानकारी
ऐसे अंतरिक्ष की तरफ आकर्षित हुई थीं स्वाति
स्वाति ने इंटरव्यू में बताया कि बचपन में उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक स्टार ट्रेक देखा था।
इसके एक एपिसोड में एंटरप्राइज को आकाशगंगा के कोने में फेंक दिया जाता है, जिसके बाद अंतरिक्ष की शानदार तस्वीरें दिखाई गई थीं।
वो कहती हैं, "मैंने सोचा कि अगर मैं एंटरप्राइज पर होती तो कितना अच्छा होता ताकि मैं अंतरिक्ष में नई-नई बातों के बारे में जान सकूं, उनकी खोज कर सकूं। यहीं से यह सिलसिला चल पड़ा।"
शिक्षा
अमेरिका से ही पूरी की पढ़ाई
उनका अधिकतर बचपन अमेरिका के उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बीता है। हाई स्कूल के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मन बना लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ स्वाति ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है।
इसके बाद मशहूर मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) से एरोनॉटिक्स में Ph.D पूरी की।
वो पिछले आठ सालों से पर्सिवियरेंस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ी हुई थीं।
करियर
NASA के कई मिशनों पर काम कर चुकी हैं स्वाति
उन्होंने NASA के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में अपनी पहली इंटर्नशिप की। ग्रेजुएशन में उन्होंने कुछ समय के लिए जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री (JPL) में काम किया और फिर कैनेडी स्पेस सेंटर में इंटर्नशिप की।
वो NASA जॉनसन स्पेस सेंटर और NASA मार्शल सेंटर में भी काम कर चुकी हैं।
पर्सिवियरेंस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने NASA के शनि और चांद पर भेजे गए मिशनों के साथ भी जुड़कर काम किया है।
जानकारी
बेहद अहम थी स्वाति की टीम की भूमिका
मंगल की सतह पर लैंडिंग के दौरान उनके नेतृत्व में एक टीम पर्सिवियरेंस रोवर की पॉजीशन तय कर रही और कमांड दे रही थी। रोवर की लैंडिंग के दौरान स्वाति कमेंट्री भी कर रही थी। इसका वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
ट्विटर पोस्ट
स्वाति ने किया टचडाउन कंफर्म
The parachute has been deployed! @NASAPersevere is on her way to complete her #CountdownToMars: pic.twitter.com/i29Wb4rYlo
— NASA (@NASA) February 18, 2021