अमेरिका: बाइडन की जीत पर मुहर के बाद ट्रंप ने किया सत्ता सौंपने का वादा

अमेरिकी संसद पर उनके समर्थकों के हमले के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी कर 20 जनवरी को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण का वादा किया है। ये पहली बार है जब ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर 20 जनवरी को राष्ट्रपति का पद छोड़ने की बात कही है और व्यवस्थित हस्तांतरण का वादा किया है। उन्होंने अमेरिकी संसद के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के बाद ये बयान जारी किया है।
ट्रंप ने सत्ता हस्तांतरण का वादा भले ही किया हो, लेकिन अपने बयान में उन्होंने एक बार फिर से चुनाव में धांधली के आरोपों को दोहराया है। उन्होंने कहा है, "यद्यपि मैं चुनाव के नतीजों से पूरी तरह असहमत हूं और तथ्य मेरा समर्थन करते हैं, फिर भी 20 जनवरी को एक व्यवस्थित हस्तांतरण होगा... मैंने हमेशा कहा है कि हम केवल वैध वोटों की गिनती सुनिश्चित करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।"
अपने बयान के अंत में ट्रंप ने कहा, "यद्यपि यह राष्ट्रपति इतिहास के सबसे अच्छे पहले कार्यकाल के अंत का प्रतीक है, यह अमेरिका को फिर से महान बनाने की हमारी लड़ाई की शुरूआत भर है।"
3 नवंबर को रिकॉर्ड वोटिंग के बाद आए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को मात दी थी। इसमें बाइडन को कुल 306 इलेक्टोरल वोट मिले जो जीत के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट से 36 अधिक हैं, वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट से ही संतोष करना पड़ा। चुनाव में बाइडन को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे।
हालांकि ट्रंप ने चुनाव में हार मानने से इनकार कर दिया था और नतीजों के बाद से ही चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कई राज्यों के नतीजों को कोर्ट में भी चुनौती दी थी, हालांकि उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली और कोर्ट ने उनके आरोपों को निराधार पाया। हालांकि इस सबके बावजूद वह अपने आरोपों को दोहराते रहे और तमाम तरीकों के जरिए चुनावों के नतीजों को पलटने की कोशिश करते रहे।
जब चुनावी नतीजों की पलटने के उनके सभी प्रयास असफल रहे तो ट्रंप ने बुधवार को एक रैली करते हुए अपने समर्थकों से अमेरिकी संसद पर मार्च करने की अपील कर डाली। उनके इस उकसावे में आकर हजारों लोग संसद पहुंच गए और सभी सुरक्षा घेरों को तोड़ते हुए इसके अंदर दाखिल हो गए। ट्रंप समर्थकों ने संसद के अंदर जमकर तोड़फोड़ और नारेबाजी की और उनके और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोग मारे गए।
ट्रंप समर्थकों ने ये हमला ऐसे समय पर किया जब बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए संसद के संयुक्त सत्र की कार्यवाही चल रही थी। भीड़ के हमले के कारण इस कार्यवाही को रोकना पड़ा और सांसदों को सुरक्षित जगहों पर पनाह लेनी पड़ी। पुलिस के संसद को सुरक्षित करने के बाद संसद की कार्यवाही फिर से शुरू किया गया और कुछ राज्यों के नतीजों पर आपत्ति खारिज होने के बाद बाइडन की जीत पर मुहर लगाई गई।