अमेरिका: संसद पर हमले के मामले में डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग के आरोपों से बरी
क्या है खबर?
शनिवार को अमेरिकी सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग के आरोपों से बरी कर दिया। अमेरिकी संसद पर हुई हिंसा के मामले में ट्रंप के खिलाफ ये महाभियोग लाया गया था और उन पर अपने समर्थकों को संसद पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप था।
सीनेट में वोटिंग के दौरान 57 सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ वोट किया जोकि उन्हें दोषी ठहराने के लिए जरूरी 67 वोट से 10 कम थे।
पृष्ठभूमि
6 जनवरी को ट्रंप समर्थकों ने किया था संसद पर हमला
6 जनवरी को ट्रंप के उकसावे के बाद उनके हजारों ने अमेरिकी संसद पर धावा बोल दिया था और सभी सुरक्षा घेरों को तोड़ते हुए संसद भवन के अंदर दाखिल हो गए थे।
संसद के अंदर उन्होंने जमकर उत्पाद मचाया था और सांसदों के दफ्तरों में तोड़फोड़ की थी।
जिस समय ये हमला हुआ, उस समय राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए संसद का संयुक्त सत्र चल रहा था।
महाभियोग
13 जनवरी को लाया गया था ट्रंप के खिलाफ महाभियोग
मामले में डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लेकर आई थी और 13 जनवरी को अमेरिकी संसद के निचले सदन ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी दी।
इसी के साथ ट्रंप अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए थे जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग लाया गया।
ऊपरी सदन सीनेट में भी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखा और चुनाव में धांधली के झूठे दावों समेत ट्रंप के खिलाफ कई दलीलें पेश कीं।
ट्रंप का पक्ष
ट्रंप के पक्ष ने दी ये दलीलें
वहीं ट्रंप के पक्ष ने सीनेट में सुनवाई के दौरान कहा, "संसद पर हमला सुनियोजित था और इसके लिए पहले से योजना बनाई गई थी। इस घटना को ट्रंप के भाषण से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।"
बचाव पक्ष की सबसे मुख्य दलील यह रही कि इस सुनवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और सीनेट के पास एक पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।
वोटिंग
43 सांसदों ने दिया ट्रंप के समर्थन में वोट
रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर सांसद ट्रंप के बचाव पक्ष की इस दलील से संतुष्ट नजर आए और उन्हें बरी करने के लिए अपना वोट दिया। ट्रंप के समर्थक में कुल 43 वोट पड़े जिनमें सदन में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मैक्मिलन भी शामिल हैं।
हालांकि मैक्मिलन ने अपने भाषण के दौरान साफ किया कि हिंसा के लिए ट्रंप नैतिक और व्यावहारिक दोनों तौर पर जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
जानकारी
सात रिपब्लिकन समेत 57 सांसदों ने दिया ट्रंप के खिलाफ वोट
57 सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ वोट दिया जो दोषी ठहराने के लिए अनिवार्य दो-तिहाई 67 वोटों से कम रहे। इनमें सात रिपब्लिकन सांसद भी शामिल रहे और ट्रंप पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिसके खिलाफ उन्हीं की पार्टी के सबसे अधिक लोगों ने वोट किया।
बयान
ट्रंप ने कहा- अमेरिका को फिर से महान बनाने के आंदोलन की महज शुरूआत
महाभियोग के इन आरोपों से बरी होने को ट्रंप की एक बड़ी जीत माना जा रहा है और वह अब 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर सकते हैं।
उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए इस सुनवाई को अमेरिका के इतिहास में किसी व्यक्ति को फंसाने की सबसे बड़ी साजिश का एक और दौर बताया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को फिर से महान बनाने का उनका ऐतिहासिक, देशभक्त और सुंदर आंदोलन अभी महज शुरू हुआ है।