बांग्लादेश की कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया
बांग्लादेश में हिंसा शुरू होने के बाद बचकर भारत आईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कोर्ट ने गुरुवार को उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। यह वारंट अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने गुरुवार को बताया कि कोर्ट ने हसीना को गिरफ्तार करने और 18 नवंबर को उन्हें अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है।
15 साल के शासन में न्याय से इतर हत्याएं की गईं- आरोप
हसीना पर आरोप है कि उनके 15 साल के शासन में व्यापक स्तर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ, जिसमें उनके राजनीतिक विरोधियों की सामूहिक नजरबंदी और न्यायेतर हत्याएं शामिल थीं। इस्लाम ने इसे "उल्लेखनीय दिन" बताया और कहा कि हसीना उन लोगों की अगुआई में थीं जिन्होंने जुलाई से अगस्त के दौरान नरसंहार, हत्याएं और मानवता के खिलाफ अपराध किए। हसीना अपनी छोटी बहन के साथ इस समय दिल्ली में हैं। बांग्लादेश ने उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है।
हसीना को जाना होगा बांग्लादेश?
हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द होने से वह किसी भी देश में राजनयिक तौर पर प्रवास नहीं कर सकती हैं। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा भारत-बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है, जिसके तहत हसीना को बांग्लादेश मुकदमे का सामना करने के लिए आना पड़ सकता है, इसमें दिल्ली हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि, संधि के एक खंड में कहा गया है कि अगर अपराध राजनीतिक चरित्र का हो तो प्रत्यर्पण से इंकार किया जा सकता है।