बांग्लादेश: भारतीय व्यापारी ने जलते होटल से कूदकर जान बचाई, हाथ-पैर टूटे
बांग्लादेश में हिंसा से बचकर भारत लौटने वाले असम के एक व्यापारी शाहिद अली (36) कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती हैं। उनके हाथ-पैर और रीढ़ की हड्डी टूट गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शाहिद अली ने बताया कि वह बिजनेस के सिलसिले में हिंसा शुरू होने से पहले 1 अगस्त को जेशोर गए थे, जहां जबीर इंटरनेशनल होटल में ठहरे थे। उनको सोमवार को लौटना था, लेकिन तभी हिंसा शुरू हो गई और वह फंस गए।
जिस होटल में ठहरे वहां उपद्रवियों ने आग लगाई
शाहिद ने बताया कि वह अपने भाई फैजान के साथ जेशोर में थे। हिंसा शुरू होने से पहले वह भारत के लिए टिकट लेने होटल से बाहर गया था। दोनों जिस होटल में ठहरे थे, वह आवामी लीग पार्टी के नेता का था। जब भीड़ उस होटल में पहुंची तो 200 से अधिक उसमें मौजूद थे। होटल के कर्मचारियों ने उन्हें कमरे में रहने को कहा। उन्होंने बताया कि इसी बीच होटल में आग लगा दी गई।
दूसरी मंजिल से कूदकर जान बचाई
शाहिद ने बताया कि उनके होटल के नीचे की मंजिलों पर काफी आग थी। कुछ लोग ऊपर से कूद रहे थे, जबकि कुछ ने वहीं रुकने की ठानी। शाहिद ने भी आग के बढ़ने पर 30 फीट ऊंची दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उन्होंने बताया कि वह एक दुकान की टीन शेड पर गिरे, लेकिन उनके पैर-हाथ और रीढ़ बुरी तरह जख्मी हो गए। उनके भाई ने स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें एंंबुलेंस में बैठाया और रवाना हुए।
होटल में जिंदा जल गए 24 लोग और 150 से अधिक घायल हुए
शाहिद ने बताया कि एंबुलेंस ने काफी पैसे लेकर किसी तरह उनको पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में पेट्रापोल सीमा पर पहुंचाया, जहां से वह कोलकाता के निजी अस्पताल में भर्ती हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनको रास्ते में 2 जगह रोका गया, लेकिन हालत देखकर जाने दिया गया। शाहिद ने बताया कि होटल में काफी लोग फंसे हुए थे। बता दें, जबीर इंटरनेशनल होटल में करीब 24 लोगों के जिंदा जले हैं और 150 लोग घायल हुए हैं।