महिला ने छह फीट लंबे आदमी से लिया स्पर्म, बौना बच्चा पैदा हुआ तो किया केस
हर महिला चाहती है कि वो माँ बने, लेकिन कुछ महिलाओं का यह सपना पूरा नहीं होता है। कई बार इसके लिए महिला और पुरुष दोनों ज़िम्मेदार होते हैं, जबकि कई बार केवल पुरुष के कमज़ोर स्पर्म ज़िम्मेदार होते हैं। ऐसे में लोग डोनर से स्पर्म लेकर बच्चे पैदा करते हैं। हाल ही में यही सोचकर एक महिला ने छह फीट लंबे आदमी से स्पर्म लिया, लेकिन बौना बच्चा पैदा हुआ। इसके बाद महिला ने केस कर दिया।
रिपोर्ट से पता चला पैदा होने वाला बच्चा होगा बौना
जानकारी के अनुसार, रूस की एक 40 वर्षीय महिला के प्रेग्नेंट होने का आख़िरी मौका था। इसके बाद महिला ने यह सोचकर कि उसका होने वाला बच्चा भी लंबा-चौड़ा और सुंदर हो, उसने एक छह फीट लंबे स्पर्म डोनर से स्पर्म लिया। स्पर्म लेने के बाद महिला एक सफल IVF ट्रीटमेंट से गुजरी। लेकिन मामले में उस समय ट्विस्ट आया, जब महिला को अपनी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट से पता चला कि उसका होने वाला बच्चा बौना होगा।
बीमारी से पीड़ित बच्चा हुआ पैदा
बौने बच्चे की बात सुनते ही महिला के सारे सपने चूर-चूर हो गए, क्योंकि उसने कुछ और ही सोचा था। महिला की रिपोर्ट से पता चला कि उसके बच्चे को एक आनुवंशिक बीमारी 'एकॉड्रोप्लासिया' है। इस बीमारी में हड्डियों का विकास रुक जाता है। इस बीमारी में ख़ासतौर से मस्तिष्क का आकार बड़ा और अंगुलिया छोटी होती हैं। जब महिला का बच्चा पैदा हुआ, तो डॉक्टरों ने बताया कि उसका बच्चा चार फीट से ज़्यादा नहीं बढ़ पाएगा।
कोर्ट ने दिया स्पर्म बैंक को बंद करने का आदेश
डॉक्टरों ने महिला को बताया कि बीमारी की वजह से बच्चे के चेहरे और हाथ-पैर का साइज़ भी छोटा ही रहेगा। यह सुनते ही महिला को काफी ग़ुस्सा आया और उसने स्पर्म बैंक के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवा दिया। उनका कहना है, "आगे कोई महिला मेरी तरह न फँसे, इसलिए मैं इस स्पर्म बैंक पर केस कर रही हूँ।" डेली मेल के अनुसार, रूस के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस स्पर्म बैंक को बंद करने का आदेश दे दिया है।
स्पर्म बैंक ने अपने बचाव में कहा यह
वहीं, इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए स्पर्म बैंक ने कहा कि उनके स्पर्म डोनर्स 46 कॉमन जेनेटिक बीमारियों के स्क्रीन से गुजरते हैं। इसलिए, सभी स्पर्म बढ़िया क्वालिटी के होते हैं।
क्या होता है IVF?
IVF एक फ़र्टिलिटी उपचार होता है, जिसके अंतर्गत अंडों को स्पर्म से अप्राकृतिक तरीक़े से मिलाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया मेडिकल लैब में नियंत्रिय परिस्थितियों में की जाती है। यह प्रक्रिया इंफर्टाइल दंपति और उन लोगों के लिए सहायक है, जिनको कोई जेनेटिक परेशानी होती है। डॉक्टरों के अनुसार, किसी दंपति को IVF पर तभी विचार-विमर्श करना चाहिए, जब डॉक्टर इसकी सलाह दें। पहले डॉक्टर प्राकृतिक तरीक़े से बच्चा पैदा कराने की पूरी कोशिश करते हैं।