शराब पीकर गाड़ी चलाने से कटा चालान, पता चला- पेट में अपने आप बनती है बीयर
पुलिस और डॉक्टरों ने एक 46 वर्षीय व्यक्ति की इस बात पर बिलकुल यक़ीन नहीं किया कि उसने शराब नहीं पी है, जिसे शराब पीकर गाड़ी चलाने के संदेह में गिरफ़्तार किया गया था। जाँच के दौरान पाया गया कि उसके शरीर में शराब की मात्रा का स्तर 0.2 था, जो कानूनी सीमा से दोगुना था। व्यक्ति ने श्वासनली परीक्षण से भी इनकार कर दिया। बाद में पता चला कि व्यक्ति के पेट में अपने आप ही बीयर बनती है।
ऑटो-ब्रेवरी सिंड्रोम से पीड़ित है व्यक्ति
आपको जानकर हैरानी हो रही है न? हमें भी हुई थी। दरअसल जब व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाया गया तब सच्चाई सामने आई कि उसके पाचन तंत्र में फंगी, कार्बोहाइड्रेट को शराब में बदल रहा था। इस बीमारी को 'ऑटो-ब्रेवरी सिंड्रोम' कहा जाता है।
सिंड्रोम से पीड़ित रोगियों में दिख सकते हैं नशे के लक्षण
जिन लोगों में यह सिंड्रोम होता है, उनमें फ़र्मेंटिंग फंगी या बैक्टीरिया, आंत में इथेनॉल का उत्पादन करते हैं और रोगियों में नशे के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जानकारी के अनुसार, यह बीमारी स्वस्थ लोगों में भी हो सकती है, हालाँकि ज़्यादातर डायबिटीज, मोटापा या क्रोहन के रोगी इसके शिकार होते हैं। ऑटो-ब्रेवरी सिंड्रोम की शोधकर्ता और "माय गट मेक्स अल्कोहल" की लेखिका बारबरा कॉर्डेल ने कहा, "यह एक भयानक बीमारी है।"
किया जा रहा है सिंड्रोम का निदान
बता दें कि इस स्थिति का शायद ही कभी अध्ययन किया गया है और इसका निदान भी बहुत कम हुआ है। न्यूयॉर्क के रिचमंड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं का मानना है कि इस सिंड्रोम का निदान किया जा रहा है।
बीमारी के सबूत दिखाने के बाद जज ने छोड़ा
इस सिंड्रोम की ख़बर 2014 में उस समय सामने आई जब एक ट्रक ड्राइवर ने हाईवे पर 11,000 साल्मन फैला दिया था। पकड़े जाने पर उसने ऑटो-ब्रेवरी सिंड्रोम होने की बात बताई थी। CNN के अनुसार, उसके अगले साल एक महिला को शराब पीकर गाड़ी चलाने के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया था, क्योंकि उसके शरीर में सामान्य स्तर से चार गुना ज़्यादा अल्कोहल था। हालाँकि, ऑटो-ब्रेवरी सिंड्रोम होने के सबूत दिखाए जाने के बाद जज ने उसे छोड़ दिया।
बीमारी की वजह से छोड़ना पड़ा कॉलेज
इस सिंड्रोम से ग्रसित लोगों से शराब की गंध आ सकती है। इसके अलावा वो लोग बहुत ज़्यादा थके होते हैं और न ही परिवार के साथ समय बिताते हैं और न ही कोई अन्य काम करते हैं। 39 वर्षीय निक हेस ने कहा कि वो इस सिंड्रोम की वजह से हर दिन नशे और हैंगओवर का सामना करते हैं। इस वजह से उन्हें कॉलेज भी छोड़ना पड़ा। वो हर दिन सिरदर्द, उल्टी और अन्य लक्षणों से पीड़ित रहते हैं।
पत्नी को नहीं हुआ विश्वास
कोलंबस, ओहियो के हेस ने बताया कि जब उनमें लक्षण दिखने लगे, तो उनकी पत्नी को विश्वास नहीं हुआ कि वो नहीं पीते हैं। यहाँ तक कि उनकी पत्नी ने, वो शराब नहीं पीते हैं यह सुनिश्चित करने के लिए रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।