यूनाइटेड किंगडम: इस महिला को जेनेटिक म्यूटेशन के कारण नहीं होता दर्द, वैज्ञानिक कर रहे शोध
क्या है खबर?
'मर्द को दर्द नहीं होता', आपने ये डायलॉग फिल्मों में और आम लोगों के मुंह से जरूर सुना होगा, लेकिन हम सब जानते हैं कि यह सच नहीं है।
हालांकि, यूनाइटेड किंगडम (UK) में रहने वाली एक महिला को जेनेटिक म्यूटेशन के कारण कभी भी दर्द का एहसास नहीं होता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह स्थिति बेहद दुर्लभ है। उन्होंने इस पर शोध किया, जिसके निष्कर्ष ब्रेन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामला
क्या है मामला?
75 वर्षीय जो कैमरून नामक महिला जेनेटिक म्यूटेशन के कारण अपने शरीर में कोई दर्द महसूस नहीं कर पाती हैं।
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, एक गंभीर ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उन्हें दर्द होने को लेकर सतर्क किया था, लेकिन उन्हें कोई दर्द महसूस नहीं हुआ और दर्द से राहत के लिए दवाएं लेने की भी कोई जरूरत नहीं पड़ी।
इसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि उनका जेनेटिक म्यूटेशन कैसे काम करता है।
बयान
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
UCL मेडिसिन के प्रोफेसर जेम्स कॉक्स ने कहा, "मॉलिक्यूलर स्तर पर क्या हो रहा है, इसे समझने के लिए इसमें शामिल जीव विज्ञान को समझा जा सकता है और इससे दवा की खोज कर सकते हैं, जिससे सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। इसका मतलब है कि अध्ययन से नए उपचारों का विकास हो सकता है।"
उनके सहयोगी डॉ आंद्रेई ओकोरोको ने बताया, "इन निष्कर्षों से घाव भरने और अवसाद आदि क्षेत्रों में हो रहे शोध पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।"
बयान
महिला ने क्या बताया?
कैमरून ने कहा कि उन्हें कई बार चोट लग चुकी है और ओवन में उनका हाथ भी जल चुका है, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास तब तक नहीं हुआ, जब तक चमड़ी जलने की बदबू नहीं आई।
उन्होंने कहा, "सर्जरी के वक्त भी लोगों को दर्द निवारक दवाएं लेनी पड़ती हैं, लेकिन मैंने कभी कोई दर्द की दवा नहीं ली।"
इसके अलावा कैमरून को अपने बच्चे को जन्म देने के समय भी दर्द का कोई अहसास नहीं हुआ।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
जब किसी जीन के DNA में कोई स्थायी बदलाव होता है तो उसे म्यूटेशन कहा जाता है। यह कोशिकाओं के विभाजन के समय किसी दोष की वजह से हो सकता है या फिर पैराबैंगनी विकिरण या रासायनिक तत्व या वायरस से भी हो सकता है।