बेंगलुरु के बाद अब मुंबई में देखा गया जीरो शैडो डे, नहीं बनी लोगों की परछाई
दुनिया अनूठी और दिलचस्प घटनाओं से भरी पड़ी है और इस श्रृंखला में नवीनतम घटना 'जीरो शैडो डे' है। इस खगोलीय घटना को मुंबई के लोगों ने सोमवार यानी 15 मई को अनुभव किया। इस दौरान कुछ समय के लिए शहर में किसी भी चीज की परछाई नहीं दिखाई देती। इससे पहले यह घटना 25 अप्रैल को बेंगलुरू में घटी थी। इस अवसर पर बेंगलुरू के कोरमंगला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था।
जीरो शैडो डे क्या है?
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के अनुसार, जीरो शैडो डे पर सूर्य कुछ समय किसी भी वस्तु की परछाई नहीं बनाता। इस समय यह ठीक ऊपर (चरम स्थिति) होता है और इसके चलते यह घटना होती है। जीरो शैडो डे साल में दो बार ट्रॉपिक्स (कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच) की जगह पर पड़ता है। इन जगहों पर रहने वाले लोगों के लिए सूर्य का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान उनके अक्षांश के बराबर होता है।
ट्विटर यूजर द्वारा शेयर की गई इस अनूठी घटना की तस्वीर और वीडियो
ऐसा क्यों होता है?
इसका कारण है कि पृथ्वी की धुरी सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है, जिसके कारण अलग-अलग मौसम होते हैं। जीरो शैडो डे पर सूर्य दिन के अपने उच्चतम बिंदु पर खगोलीय भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर की ओर जाएगा और एक वर्ष में फिर से (दक्षिणायन) वापस आ जाएगा। इस तरह से यह घटना साल में 2 बार होती है।
अगली बार जुलाई में होगी यह घटना
मुंबई के लोगों ने घटना की तस्वीरें ली और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। बिना छाया वाली वस्तुओं और लोगों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। ऐसी अगली बार यह घटना 28 जुलाई को होने की संभावना है। हालांकि, जुलाई का महीना आमतौर पर मानसून के कारण बादलों से भरा रहता है तो इस घटना का निरीक्षण करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
हैदराबाद और बेंगलुरू में भी इस घटना का किया गया अनुभव
हैदराबाद में भी सोमवार दोपहर करीब 12 बजे इस दुर्लभ खगोलीय घटना का अनुभव किया गया। यहां बिड़ला तारामंडल ने घटना को प्रदर्शित करने के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था। बेंगलुरु के निवासियों को पिछले महीने इस घटना को देखने का अवसर मिला था और वहां अगली बार 18 अगस्त को जीरो शैडो डे होने की संभावना है। इस समय सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर स्थित होगा।