कम आबादी से जूझ रहे जापानी गांव में मौजूद हैं हजारों गुड़िया, दूर करती हैं अकेलापन
दुनिया में लोगों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण प्राकृतिक संसाधन भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में सभी देश अपनी जनसंख्या कम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते रहते हैं। हालांकि, जापान में एक ऐसा गांव मौजूद है, जो सालों से कम आबादी की परेशानी से जूझ रहा है। इसके कारण लोग अकेलापन महसूस करते हैं, जिससे बचने के लिए गांव में मानवों जैसी कद-काठी वाली कई गुड़िया बनाई जाती हैं।
इस गांव में रहते हैं महज 60 लोग
इस गांव का नाम है द हैमलेट ऑफ इचिनोनो। यहां पर केवल 60 लोग रहते हैं, जिनमें से एक बच्चा है और बाकी वयस्क या बुजुर्ग हैं। ये लोग अकेलेपन की भावना से परेशान रहते हैं और गांव को भरा-पूरा दिखाने के लिए लोगों जैसी दिखने वाली गुड़िया बनाते हैं। इन गुड़िया को रुई भरकर बनाया जाता है और उन्हें इंसानों जैसे कपड़े पहनाए जाते हैं। सभी गुड़िया ऐसे रखी जाती हैं, जैसे वे कोई काम कर रही हों।
बच्चे चले गए गांव से बाहर, मां-बाप रह गए अकेले
यह गांव क्योटो नामक शहर से महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है। यहां के सभी परिवारों ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए क्योटो भेज दिया था, ताकि वे अपना भविष्य बना सकें और शादी कर सकें। हालांकि, इस नेक कदम के चलते सभी मां-बाप अकेले रह गए। अब उनके बच्चे बड़े शहरों में नौकरी करते हैं और गांव लौटकर आना पसंद नहीं करते हैं। गांव के लोग अपने बच्चों को हर दिन याद करते हैं।
इस गांव में लोगों से ज्यादा हैं गुड़िया की संख्या
इस गांव के अधिकतर लोग 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं, जो अकेलेपन से दुखी हो चुके हैं। यहां रहने वाली 88 वर्षीय हिसायो यामाजाकी ने कहा, "हमारे गांव में लोगों से ज्यादा तो गुड़िया मौजूद हैं।" इस गांव के शासी निकाय के प्रमुख, 74 वर्षीय इचिरो सवेयामा कहते हैं, "अगर गांव को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है जैसा यह अभी है, तो यहां के लोग जल्द ही विलुप्त हो जाएंगे।"
गुड़िया से भरा हुआ है जापान का एक और गांव
इचिनोनो गुड़िया से भरा इकलौता गांव नहीं है। जापान के नगारो गांव में भी हजारों गुड़िया मौजूद हैं। इस गांव को गुड़िया का गांव और बिजूका यानि स्केयरक्रो गांव भी कहते हैं। यहां महज 12 लोग रहते हैं, जो बुजुर्ग हैं। यहां की 74 वर्षीय त्सुकिमी अयानो ने गांव की घटती आबादी से दुखी होकर इसे गुड़िया से भर दिया है। वह गांव के हर कोने-कोने में गुड़िया रखती हैं, ताकि निवासियों को लोगों के बीच रहने की अनुभूति हो।