दुनिया के सबसे सूखे स्थान अटाकामा रेगिस्तान में दशक में पहली बार खिल रहे हैं फूल
क्या है खबर?
दक्षिण अमेरिका में स्थित देश चिली के अटाकामा रेगिस्तान को धरती का सबसे सूखा स्थान माना जाता है। आपको हैरानी होगी कि यहां एक दशक में पहली बार फूल खिलने लगे हैं।
दुनिया के इस सबसे शुष्क रेगिस्तान के एक हिस्से में सफेद और बैंगनी रंग के खूबसूरत फूल खिल रहे हैं।
शोधकर्ता बताते हैं कि इस चमत्कारी घटना के पीछे का कारण शायद जलवायु परिवर्तन हो सकता है।
आइए अटाकामा रेगिस्तान में खिले फूलों के विषय में जानते हैं।
बारिश
अप्रैल में हुई बारिश ने खिलाए रेगिस्तान में फूल
अटाकामा रेगिस्तान में इन दिनों सर्दियों का मौसम चल रहा है, जिस बीच यहां फूल उगने लगे हैं।
जलवायु परिवर्तन के अलावा, कुछ लोग कहते हैं कि यह दुर्लभ फूल पतझड़ के दौरान उत्तरी चिली में हुई बारिश के कारण खिले हैं।
अप्रैल के मध्य में यहां लगभग 11 मिलीमीटर बारिश हुई, जिसमें 'कैमंचाका' नाम से जाना जाने वाला सुबह का कोहरा भी शामिल था।
इस बारिश के कारण उगने वाली वनस्पति लगभग 15 साल तक खिली रह सकती है।
फूल
अटाकामा में खिले इन फूलों का रंग है फ्यूशिया और सफेद
अटाकामा रेगिस्तान में खिलने वाले फूलों की प्रजाति है 'पाटा डी गुआनाको', जो चमकीले फ्यूशिया रंग के होते हैं। साथ ही यहां 'मैदान की आह' नामक सफेद रंग के फूल भी खिले हैं।
प्रमुख क्षेत्र जहां फूल उगे वे 115 से 155 वर्ग मील के बीच है। इसकी पुष्टि अटाकामा के राष्ट्रीय वानिकी निगम में जैव विविधता संरक्षण अनुभाग और वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रमुख सीजर पिजारो ने की है।
उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन इस चमत्कार का मुख्य कारण है।
चिली
इससे पहले 2015 में भी खिले थे फूल
आमतौर पर सर्दियों में बारिश के कारण चिली के रेगिस्तान में 5,800 वर्ग मील तक फूल खिल सकते हैं, जहां लगभग 200 प्रजातियां हो सकती हैं।
अधिकांश समय फूल वसंत ऋतु के दौरान और जून सेअगस्त के महीनों में खिलते हैं। यह मुख्य रूप से अल नीनो प्रभाव से होता है, जिसके कारण चिली में औसत से अधिक बारिश होती है।
कुछ साल पहले 2015 में मार्च में अधिक बारिश हुई थी, जिससे ढेर सारे फूल खिले थे।
परेशानी
इन फूलों को खिलते समय झेलनी पड़ती है यह कठिनाई
अटाकामा रेगिस्तान में खिले फूल इस दशक में देखे जाने वाले आखिरी फूल होंगे। इन फूलों को खिलने के दौरान कठिनाई भी झेलनी पड़ रही हैं।
चिली के पोंटिफिकल कैथोलिक विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी की एसोसिएट प्रोफेसर मारिया फर्नांडा पेरेज के अनुसार, मुख्य समस्या यह है कि परागणकर्ता उतनी तेजी से नहीं आते हैं, जितनी जल्दी पौधे खिलते हैं।
उन्होंने कहा, "जब बीज अंकुरित होते हैं और फूल खिलते हैं, लेकिन परागणकर्ता नहीं आते हैं, तो बीज खत्म हो जाते हैं।"