अगर डायनासोर नहीं मरते तो आज नहीं होते अंगूर, जानें कैसे
क्या है खबर?
अंगूर की उत्पत्ति कैसे हुई? अधिकांश लोग इसका जवाब देगें कि अंगूर के बीजों से, लेकिन इसका असल कारण डायनासोर से जुड़ा हुआ है।
एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि जब 66 लाख साल पहले एक क्षुदग्रह पृथ्वी से टकराया था तो इसके कारण डायनासोर का अंत हुआ था और इसके बाद ग्रह पर अन्य प्राणियों और पौधे पनपने लगे, जिसमें अंगूर भी शामिल हैं।
आइए इस शोध के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शोध
19 से 60 लाख साल पुराने अंगूर के बीजों के जीवाश्म को लेकर हुआ शोध
हाल ही में 'नेचर प्लांट्स जर्नल' में प्रकाशित हुए इस शोध के लिए कोलंबिया के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कोलंबिया, पनामा और पेरू में पाए गए 19 से 60 लाख साल पुराने अंगूर के बीजों के जीवाश्म से इस बारे में पता चला है कि दुनियाभर में अंगूर की उत्पत्ति कैसे हुई।
शिकागो के फील्ड म्यूजियम के प्रमुख लेखक फैबियानी हेरेरा ने बताया कि अंगूर दुनिया के सबसे पुराने फलों में से एक है।
कारण
डायनासोर का विलुप्त कैसे बना अंगूर की उत्पत्ति का कारण?
इस शोध के मुताबिक, पश्चिमी गोलार्ध में अंगूर का सबसे पुराना एक पौधा है।
फैबियानी ने बताया कि डायनासोर के विलुप्त होने का पौधों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप जंगलों को एक नया रूप मिला और पौधों की संरचना में भी परिवर्तन हुआ है। यह बात भी 60 लाख साल पुराने अंगूर के बीजों के जीवाश्म से पता चली है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि घने जंगल अंगूर की बेलों के विकास में सहायक बने।
जानकारी
अंगूर के बीज के जीवाश्म का नाम रखा गया लिथौवा सुसमानी
फैबियानी और शोध की सह-लेखिका मोनिका कार्वाल्हो ने ही कोलंबिया में 60 लाख साल पुराने अंगूर के बीज के जीवाश्म की खोज की है।
यह दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली सबसे पुरानी और पहली प्रजातियों में से एक है, जिसका नाम शोधकर्ताओं ने लिथौवा सुसमानी रखा है।
यह नाम फील्ड म्यूजियम में दक्षिण अमेरिकी पुरावनस्पति विज्ञान के समर्थक आर्थर टी सुसमान के नाम पर रखा गया है।
प्रजातियां
जीवाश्म से अंगूर के बीजों की 9 नई प्रजातियां मिली- फैबियानी
फैबियानी ने बताया कि उन्हें दक्षिण और मध्य अमेरिका की कुछ चट्टानों के बीच में फंसे जीवाश्म से अंगूर के बीजों की 9 नई प्रजातियां मिली हैं।
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि डायनासोर के विलुप्त होने के बाद पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पक्षी और स्तनधारी जीव उत्पन्न हुए, जिन्होंने अंगूर के बीजों के प्रसार में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, अभी इस विषय पर और शोध की जरूरत है।