कनाडा: व्यक्ति ने 1 साल में लगाई 242 मैराथन दौड़, बन सकता है विश्व रिकॉर्ड
क्या है खबर?
कनाडा के टोरंटो में रहने वाले एक व्यक्ति ने 1 साल में 242 मैराथन दौड़ी है। इसके लिए इस व्यक्ति का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो सकता है।
यह व्यक्ति 2023 की शुरुआत में मार्केटिंग में अपना करियर छोड़कर 'मैराथन अर्थ चैलेंज' को पूरा करने की राह पर चल पड़ा था।
इसके लिए इस व्यक्ति ने उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया की यात्राएं कीं।
आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामला
70 देशों में लगाई 242 मैराथन दौड़
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस व्यक्ति का नाम बेन पोबजॉय है। उन्होंने 2023 में लगभग 70 देशों में 242 मैराथन दौड़ लगाई।
सालभर की दौड़ पूरी होने के बाद अब बेन ने 1 साल में सबसे ज्यादा मैराथन दौड़ने के लिए गिनीज विश्व रिकॉर्ड का खिताब पाने के लिए आवेदन किया है।
फिलहाल अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ऐसा लगता है कि बेन अमेरिका निवासी लैरी मैकॉन के पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर खुद रिकॉर्ड बनाने में सफल हो जायेंगे।
बयान
बेन ने क्या कहा?
बेन ने मीडिया से बात करते हुए अपने 2023 के मैराथन दौड़ के अनुभव के बारे में भी बताया है।
उन्होंने कहा, "2023 का साल मेरे लिए मानसिक और शारीरिक रूप से मुश्किल रहा। इस सफर में मेरे सामने कई मुश्किल परिस्थितियां आईं, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और अब अपने लक्ष्य को हासिल करने और रास्ते में कई लोगों से मिलने के बाद का अहसास वाकई कमाल का है।"
कारण
इसलिए बेन ने खुद को दिया था दौड़ना का चैलेंज
बेन ने खुद को मैराथन अर्थ चैलेंज दिया क्योंकि इसके पीछे एक कारण था।
दरअसल, बेन को 2015 में मैराथन का चस्का लगा, जब वो मोटापे और स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान थे। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे बाहर चलना और फिर दौड़ना शुरू किया।
बेन ने 8 महीनों में 45 किलो वजन कम करके एक नई यात्रा शुरू की और इस दौरान उन्होंने भौतिक दुनिया के प्रति सराहना जगाई, जिससे उन्हें अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली।
अन्य मामला
ऑस्ट्रेलियाई महिला ने 107 दिनों में 107 मैराथन दौड़ने का बनाया था रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की महिला एथलीट एरचना मर्रे बार्टलेट ने पिछले साल 107 दिनों में 107 मैराथन दौड़ने का गिनीज विश्व रिकॉर्ड हासिल किया था।
उन्होंने अगस्त, 2023 में क्वींसलैंड के केप यॉर्क से दौड़ने की शुरुआत की थी और 107 दिनों बाद यानी 3 दिसंबर को गिनीज बुक में यह रिकॉर्ड दर्ज किया।
बता दें कि एरचना ने देश के वन्यजीवों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दौड़ लगाई थी।