आपकी मौत का समय बताने वाला AI मॉडल आया, 78 प्रतिशत सटीक
क्या है खबर?
किसी व्यक्ति की मौत कब होगी, इसकी भविष्यवाणी कर पाना लगभग असंभव होता है।
हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट ChatGPT जैसा life2vec नामक एक नया AI मॉडल आया है, जो किसी भी व्यक्ति के मृत्यु के समय की भविष्यवाणी कर सकता है।
इससे संबंधित एक अध्ययन बीते मंगलवार यानी 19 दिसंबर को नेचर कंप्यूटेशनल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ।
आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मॉडल
बीते हुए जीवन के अधार पर आगे का भविष्य बताता है AI मॉडल
विशेषज्ञों द्वारा बनाया गया यह मॉडल किसी व्यक्ति के जीवन की कहानी का इस्तेमाल करके उसके भविष्य की भविष्यवाणी कर सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह लगभग 78 प्रतिशत मामलों में सटीक होता है।
यह मॉडल एक चैटबॉट की तरह काम करता है और मौजूदा विवरणों का इस्तेमाल करके भविष्यवाणी करता है कि आगे क्या होगा।
बता दें कि इस मॉडल को डेनमार्क की आबादी के व्यक्तिगत डाटा के आधार पर बनाया गया है।
डेटा
अध्ययन के लिए 60 लाख लोगों के डाटा का इस्तेमाल
अध्ययन के लिए साल 2008-2020 के बीच 60 लाख लोगों का डाटा इकट्ठा किया गया और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य स्थिति, शिक्षा स्तर, आय, गर्भावस्था के इतिहास और अन्य जानकारी का विश्लेषण करने के लिए किया गया।
जीवन और मृत्यु की भविष्यवाणी करने वाले मॉडल की क्षमता का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों ने 35 से 5 वर्ष की आयु के लोगों का डाटा भी लिया।
आधा डेटा उन लोगों का था, जिनकी मृत्यु 2016 और 2020 के बीच हुई।
बयान
हमारे लिए भविष्यवाणी से ज्यादा डाटा महत्वपूर्ण- सुने लेहमैन
अध्ययन के लेखक और डेनमार्क टेक्निकल यूनिवर्सिटी (DTU) के प्रोफेसर सुने लेहमैन ने कहा, "हमने मूलभूत प्रश्नों को संबोधित करने के लिए मॉडल का इस्तेमाल यह जानने के लिए किया कि यह अतीत की स्थितियों और घटनाओं के आधार पर आपके बारे में किस हद तक भविष्यवाणी कर सकता है?"
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक रूप से जो चीज रोमांचक है, वह भविष्यवाणी नहीं, बल्कि डाटा के पहलू हैं, जो मॉडल को ऐसे सटीक उत्तर देने में सक्षम बनाते हैं।
बीमा
बीमा कंपनी न करें इस मॉडल का इस्तेमाल- लेहमैन
अध्ययन में यह भी पाया गया कि AI मॉडल 4 साल के अंदर किसी व्यक्ति के मरने की संभावना आदि से संबंधित प्रश्नों की भविष्यवाणी कर सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिकों ने नैतिक कारणों का हवाला देते हुए चेतावानी दी कि बीमा कंपनियों को इस मॉडल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सुने ने कहा कि अगर बीमा कंपनी इसका इस्तेमाल करती हैं तो यह लोगों के लिए सही नहीं है।