इटली: दुर्लभ मामले में बच्चे के नाक में उतरा दिमाग, डॉक्टरों ने बचाई जान
दुनियाभर में लोग ऐसी बीमारियां से जूझ रहे होते हैं, जो काफी दुर्लभ होती हैं और लाखों-करोड़ों में से किसी एक को ही होती हैं। इस कारण वह व्यक्ति चर्चा का विषय भी बन जाता है। इसी कड़ी में अब इटली से भी एक बेहद दुर्लभ मामला सामने आया है। यहां एक दुर्लभ स्थिति के कारण 3 महीने के बच्चे का दिमाग नाक में उतर गया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे का ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई।
किस दुर्लभ स्थिति से जूझ रहा था बच्चा?
यह मामला इटली के ट्यूरिन में रेजिना मार्गेरिटा चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल का है। यहां 3 महीने के इस बच्चे का जन्म नेजल माइलोमेनिंगोसेल नामक एक दुर्लभ स्थिति के साथ हुआ था। इसमें सिर का आधार ठीक से बंद नहीं होता और इसके कारण दिमाग का एक छोटा हिस्सा नाक में उतर जाता है, जिसकी वजह से सांस लेने में मुश्किल होती है। यह स्थिति नवजात शिशुओं के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है।
बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टरों ने क्या फैसला लिया?
बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टर पाओलो तवोर्मिना और उनके सहयोगियों फेडेरिका पेराडोट्टो और पाओलो पक्का ने एंडोस्कोपी के माध्यम से तकनीकी रूप से जटिल ऑपरेशन करने का फैसला किया। हालांकि, मामले की शुरुआत में डॉक्टर बच्चे के कम से कम 8 महीने का होने तक इंतजार करना चाहते थे, लेकिन बच्चे को सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। इस कारण उन्होंने 3 महीने का होने पर बच्चे का ऑपरेशन करने का फैसला किया।
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने क्या कहा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों ने 2.7 मिमी के व्यास वाले ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल करके बच्चे की नाक के जरिये सिर के छेद को बंद करके सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने में सक्षम हुए। इस मामले में डॉक्टरों ने कहा, "सर्जरी के बाद हमें बच्चे में सकारात्मक परिणाम देखने का मिला है। अब बच्चे की हालत ठीक है और वह अच्छे से सांस भी ले पा रहा है। इसके अलावा बच्चे में सामान्य मानसिक-बौद्धिक विकास भी हो रहा है।"
पहली बार हुआ इतने कम उम्र के बच्चे का इलाज
इटली के अखबार ला रिपब्लिका के मुताबिक, इस अस्पताल में कभी भी इतने कम उम्र के रोगी का ऑपरेशन नहीं किया गया था। इस मामले के पहले सबसे छोटा बच्चा, जिसकी पहले सर्जरी हो चुकी थी, उसकी उम्र 6 महीने थी। बता दें कि यह हॉस्पिटल पूरे इटली में अत्यधिक विशिष्ट बाल चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। यहां नवजात शिशुओं, बच्चों और किशोरों का सबसे जटिल और दुर्लभ बीमारियों का भी इलाज किया जाता है।