कौन हैं फर्स्ट-क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज सकिबुल गनी?
क्या है खबर?
बीते शुक्रवार को 22 साल के सकिबुल गनी ने जो कारनामा किया है उसे उनसे पहले कोई अन्य बल्लेबाज नहीं कर पाया था। बिहार के लिए अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी मुकाबले गनी ने तिहरा शतक लगा दिया।
वह फर्स्ट-क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने हैं। यह कारनामा करने के बाद से गनी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं।
आइए जानते हैं गनी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
प्रदर्शन
ऐसी रही गनी की पारी
पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए गनी ने 405 गेंदों में 341 रनों की जबरदस्त पारी खेली। गनी ने अपनी पारी में 56 चौके और दो छक्के भी लगाए। जब वह मैदान में आए थे तब बिहार का स्कोर 71/3 था।
चौथे नंबर पर खेलने आए बाबुल कुमार ने भी नाबाद 229 रनों की पारी खेली। बाबुल और गनी ने चौथे विकेट के लिए 538 रनों की विशाल साझेदारी की थी।
टैलेंट
अजय रात्रा ने पहचाना था गनी का टैलेंट
बिहार के अंडर-23 कोच रहते हुए पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा ने गनी के टैलेंट को पहचाना था। उन्होंने पहली बार गनी को पटना के मोईन-उल-हक स्टेडियम में देखा था।
रात्रा को गनी का खेल काफी पसंद आया और उन्होंने लोकल सर्किट में उनके स्कोर देखने के बाद उन्हें सीके नायडू ट्रॉफी के लिए बिहार की टीम में चुना था। रात्रा के मुताबिक गनी टॉप-6 में कही भी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
अंडर-23
अंडर-23 में गनी ने बनाए खूब रन
2018-19 सीजन में गनी बिहार की अंडर-23 टीम के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने 57.08 की औसत के साथ 685 रन बनाए थे। इस दौरान 282 के सर्वोच्च स्कोर के साथ उन्होंने दो शतक भी लगाए थे।
अगले सीजन में भी गनी ने 694 रन बना डाले थे और फिर अंडर-23 वनडे ट्रॉफी में भी 498 रन बनाने के बाद उन्हें बिहार की सीनियर टीम में आने का मौका मिला था।
ट्रेनिंग
कूच बेहार ट्रॉफी खेल चुके बड़े भाई ने कराई ट्रेनिंग
गनी के बड़े भाई फैसल गनी ने भी क्रिकेट खेला है और उन्होंने ही अपने भाई को ट्रेनिंग कराई है। 29 साल के फैसल ने कूच बेहार ट्रॉफी खेलने के अलावा ईस्ट जोन की कप्तानी भी है, लेकिन बिहार में इसका भविष्य नहीं होने के कारण उन्होंने खेल से दूरी बना ली थी।
मोतिहारी में खेल के सामानों की दुकान चलाने वाले फैसल ने अपने भाई को झारखंड भेज दिया था।
पिता
पिता नहीं चाहते थे कि क्रिकेट खेलें बेटे
गनी चार भाई हैं और चारों ने किसी ना किसी लेवल पर क्रिकेट खेला हुआ है। हालांकि, उनके किसान पिता मोहम्मद मनन गनी नहीं चाहते थे कि उनके बेटे क्रिकेट में भविष्य बनाएं।
मनन का कहना था कि बेटे या तो पढ़ाई करें या फिर किसानी में उनका सहयोग करें। हालांकि, फैसल के जिद के कारण सकिबुल गनी ने ट्रेनिंग लगातार जारी रखी और आज इतना बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।