चैंपियन्स लीग 2018-19: नॉकआउट राउंड से शुरू होगा 'वीडियो असिस्टेंट रेफरी' का इस्तेमाल
इस सीजन चल रहे UEFA चैंपियन्स लीग में नॉकआउट राउंड से वीडियो असिस्टेंट रेफरी (VAR) का इस्तेमाल किया जाएगा। VAR का इस्तेमाल चैंपियन्स लीग में अगले सीजन से किया जाना था, लेकिन रेफरियों द्वारा की गई कई बड़ी गलतियों को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। VAR का इस्तेमाल दुनिया के तमाम फुटबॉल लीग्स में हो रहा है और इसका उपयोग इस साल खेले गए फीफा विश्व कप में भी हुआ था।
इस सीजन VAR के लिए तैयार नहीं था UEFA
यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (UEFA) इस साल फीफा वर्ल्ड कप में VAR के सफल उपयोग के बावजूद इसे लागू करने के लिए तैयार नहीं था। UEFA का कहना था कि वे वीडियो असिस्टेंट को अगले सीजन से प्रयोग में लाएंगे। हालांकि हाल ही में एसोसिएशन ने संकेत दिए थे कि इसे शेड्यूल से पहले प्रयोग में लाया जा सकता है। वीडियो असिस्टेंट का इस्तेमाल करने वाली UEFA यूरोप में सबसे बड़ी टूर्नामेंट कराने वाली आखिरी संस्था होगी।
क्या है वीडियो असिस्टेंट रेफरी?
VAR का मतलब वीडियो असिस्टेंट रेफरी होता है और इसका उपयोग कई फुटबॉल लीग्स में हो रहा है या होने वाला है। इस तकनीक के जरिए यदि रेफरी से कोई गलती हुई है तो वह अपने निर्णय को बदल सकता है। यदि रेफरी को लगता है कि कोई निर्णय साफ नहीं है तो वो खुद वीडियो असिस्टेंट की मांग कर सकता है या फिर वीडियो असिस्टेंट रेफरी को उसकी गलती के बारे में बता सकता है।
कब होता है VAR का इस्तेमाल?
वीडियो तकनीक का इस्तेमाल फुटबॉल गेम में केवल 4 मौकों पर होता है, जिससे कि मैच का रुख बदल सकता हो। किसी गोल को वैध देने या फिर गोल हो सकने वाली स्थिति में। किसी भी टीम को पेनल्टी देने के लिए। यदि किसी खिलाड़ी ने फाउल किया है तो उसे रेड कार्ड दिया जाना चाहिए या नहीं यह भी VAR से चेक किया जा सकता है। यदि किसी खिलाड़ी को कार्ड देने के लिए पहचान करनी है।