ICC ने DRS में किए संसोधन, नहीं हटेगा अंपायर्स कॉल
क्या है खबर?
पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा का विषय रहने वाली 'अंपायर्स कॉल' को अनिल कुंबले की अगुवाई वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) कमेटी का समर्थन मिला है। कमेटी का कहना है कि यह नियम पहले की तरह ही बना रहेगा।
हालांकि, कमेटी ने पगबाधा आउट के दौरान लिए जाने वाले डिसीजन रीव्यू सिस्टम (DRS) में जरूर कुछ संसोधन किया है।
आइए जानते हैं कि इसमें क्या संसोधन हुए हैं और अब किस तरह DRS लिए जाएंगे।
बदलाव
यह होगा नए नियम में बदलाव
क्रिकेट कमेटी द्वारा लिए गए ताजा निर्णय में विकेट जोन की हाइट बढ़ा दी गई है। पगबाधा की अपील के दौरान लिए जाने वाले निर्णय में अब DRS लेने पर ट्रैकिंग तकनीकी में बेल के एकदम ऊपरी हिस्से को भी लिया जाएगा। पहले के नियम में बेल के निचले हिस्से को ही माना जाता था।
पहले बेल के ऊपरी हिस्से में लगने वाली गेंद से रीव्यू तो बच जाता था, लेकिन अंपायर्स कॉल को नहीं बदला जा सकता था।
क्या आप जानते हैं?
DRS से पहले पूछ सकेंगे कि क्या बल्लेबाज ने शॉट खेला था?
फील्डिंग कर रही टीम को अब एक और वरीयता मिलेगी। DRS लेने से पहले वे अब मैदानी अंपायर से पूछ सकेंगे कि क्या बल्लेबाज ने शॉट खेला था अथवा नहीं।
अंपायर्स कॉल
कुंबले ने बताया अंपायर्स कॉल बनाए रखने का कारण
कुंबले ने कहा, "DRS का प्राथमिक सिद्धांत था कि यह साफ गलतियों को सुधारे और साथ ही खेल के मैदान में अंपायर्स का रोल निर्णय देने वाले के रूप में बनाए रखे। इस चीज को भी दिमाग में रखा गया था कि तकनीकी के साथ भविष्य बदल सकता है।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह सब अंपायर्स कॉल से यह संभव है और इसी कारण इसका रहना जरूरी है।
खिलाड़ियों की संख्या
ICC ने बढ़ाई टीम में शामिल होने वाले खिलाड़ियों की संख्या
कोरोना वायरस को देखते हुए ICC ने टीम में शामिल किए जा सकने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ा दी है। अब खिलाड़ी और सपोर्ट स्टॉफ मिलाकर कुल 30 लोगों का दल किसी सीरीज के लिए जा सकेगा।
इस साल भारत में होने वाली टी-20 विश्व कप में भी 30 लोगों का दल (अधिकतम 22 खिलाड़ी) आ सकेगा। यह नियम महिला और पुरुष दोनों टीमों के लिए लागू किया गया है।