बाउंसर पर सतर्क है BCCI, गर्दन की सुरक्षा के लिए हेलमेट को लेकर कही बड़ी बात
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सिर के पिछले हिस्से और गर्दन को बचाने वाले हेलमेट के महत्व को अपने खिलाड़ियों को बताया, लेकिन गर्दन की सुरक्षा वाले इस नए हेलमेट को पहनने का फैसला खिलाड़ियों पर ही छोड़ दिया है।
बता दें कि पिछले काफी वक्त से इस हेलमेट को अनिवार्य करने की मांग उठती रही है। लेकिन आर्चर की बाउंसर गेंद पर स्मिथ के चोटिल होने के बाद एक बार फिर इस हेलमेट पर चर्चा शुरु हुई है।
हेलमेट
इस कारण एक बार फिर चर्चा में नया हेलमेट
दरअसल, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के दौरान जोफ्रा आर्चर की गेंद स्टीव स्मिथ के गर्दन पर लगी थी, जिसके बाद स्मिथ चक्कर खा कर गिर पड़े। इसके बाद वह इस मैच में आगे नहीं खेले।
हालांकि, इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के खेल चिकित्सा प्रमुख ने कहा कि उसके क्रिकेटरों के लिए जल्द ही गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जा सकता है।
बातचीत
हम खिलाड़ियों को हेलमेट का प्रयोग करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते- BCCI अधिकारी
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी से कहा, "गेंद लगने पर चक्कर आने के नियम प्रभावी होने के बाद BCCI ने कप्तान और कोचिंग स्टाफ को इसके बारे में जानकारी दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने उन्हें गर्दन की सुरक्षा करने वाले हेलमेट के बारे में बताया। शिखर धवन सहित कुछ खिलाड़ी इसका उपयोग करते हैं, लेकिन हम उन्हें बाध्य नहीं कर सकते। हेलमेट सहज महसूस करने से भी जुड़ा मसला है।''
ऑस्ट्रेलिया
अगले साल गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट को अनिवार्य कर सकता है क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई टीम के चिकित्सा प्रमुख ने कहा कि अगले साल तक गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट को अनिवार्य किया जा सकता है।
बता दें कि पहली पारी में गर्दन पर गेंद लगने के बाद स्मिथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे थे। साथ ही तीसरे टेस्ट में भी स्मिथ नहीं खेल पाएंगे।
नए हेलमेट पर स्मिथ ने कहा, "टीम में कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ-साथ मैं भी गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट में असहज महसूस करता हूं।"
'नेक प्रोटेक्टर'
'नेक प्रोटेक्टर' की की गुणवत्ता में सुधार पर काम कर रहा है ICC
द संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, ICC वर्तमान में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर लॉफबरो यूनिवर्सिटी के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसमें खिलाड़ियों को बेहतर सुरक्षा देने के लिए 'नेक प्रोटेक्टर' की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ एक गोल्ड स्टैंडर्ड स्थापित किया गया है।
हालांकि, इंग्लैंड के क्रिकेटर्स के लिए भी गर्दन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई मानक नहीं है, लेकिन मुमकिन है कि वे स्टेम गार्ड पहनते हैं।