पैरालंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने भगत, स्वर्ण पर जमाया कब्जा

भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने इतिहास रच दिया है और पैरालंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने हैं। भगत ने ग्रेट ब्रिटेन के डेनिएल बेथेल को सीधे सेटों में हराते हुए स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया है। फाइनल मुकाबले में भगत ने काफी दमदार प्रदर्शन किया और एक भी बार पिछड़ते नहीं दिखे। भगत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं कैसा रहा उनका मुकाबला।
पहले सेट में शुरुआत में काफी जोरदार टक्कर हुई और बढ़त बदलती रही। भगत ने लगातार पांच अंक लेते हुए स्कोर 8-6 कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी बढ़त को छह अंक का कर लिया था। बेथेल के लगातार प्रयास के बावजूद बढ़त पांच अकों से कम नहीं हो सकी। भगत ने दमदार प्रदर्शन करते हुए सात अंकों की बढ़त के साथ पहला सेट अपने नाम किया।
पहला सेट गंवाने के बाद बेथेल ने दूसरे सेट में आक्रामक शुरुआत की थी और ब्रेक होने तक उन्होंने 4-11 की बढ़त ले ली थी। ऐसा लग रहा था कि मुकाबला तीसरे सेट में जाएगा, लेकिन भगत ने यहां से दमदार वापसी की और 17-15 से आगे हो गए। भगत ने लय हासिल करने के बाद बेथेल को दोबारा वापसी का मौका नहीं दिया और 21-17 से सेट अपने नाम किया।
SL3 वर्ग का कांस्य पदक भी भारत की झोली में आया है जिसे मनोज सरकार ने हासिल किया है। मनोज ने जापान के दाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से हराते हुए कांस्य जीता है। मनोज को पहले सेट में फुजिहारा से कड़ी टक्कर मिली थी, लेकिन दूसरे हाफ में उन्होंने अपने विपक्षी खिलाड़ी को कोई भी मौका नहीं दिया। उन्हें सेमीफाइनल में भगत के खिलाफ फाइनल हारने वाले बेथेल ने हराया था।
टोक्यो पैरालंपिक में भारत अब तक 17 पदक जीत चुका है और यह उनका सबसे बेहतरीन पैरालंपिक हो गया है। भारत को सबसे अधिक आठ पदक एथलेटिक्स में मिले हैं। अवनि, और मनीष ने निशानेबाजी में तो वहींं सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो और भगत ने बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता है। ऊंची कूंद में भारत को तीन, निशानेबाजी और टेबल टेनिस में एक-एक रजत पदक मिले हैं। निशानेबाजी, एथलेटिक्स और तीरंदाजी में एक-एक कांस्य मिला है।