
#NewsBytesExplainer: अमेरिकी टैरिफ का कपड़े, दवाओं से लेकर किन क्षेत्रों पर पड़ेगा ज्यादा असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने रूस के साथ व्यापारिक संबंधों के चलते भारत पर अलग से जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया है। इस फैसले का भारत पर व्यापक असर होगा, क्योंकि अमेरिका भारतीय वस्तुओं के लिए अहम बाजार है। बड़े पैमाने पर कपड़े, दवाएं और अन्य सामान भारत अमेरिका को निर्यात करता है। आइए जानते हैं कौन-कौनसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
आभूषण
रत्न और आभूषण उद्योग के लिए फैसला बड़ा झटका- विशेषज्ञ
आंकड़ों के मुताबिक, 'फाइनल गुड्स' श्रेणी में भारत का अमेरिका के साथ करीब 2 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा व्यापार अधिशेष है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा फार्मास्युटिकल और रत्न-आभूषणों का है। कामा ज्वैलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने मिंट से कहा, "यह फैसला भारत के रत्न और आभूषण उद्योग के लिए बड़ा झटका है। 25 प्रतिशत टैरिफ से रत्न और आभूषणों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो जाएगी, जो लंबे भू-राजनीतिक तनावों के कारण पहले से ही दबाव में हैं।"
दवाएं
फार्मास्युटिकल उत्पादों पर भी असर पड़ना तय
अमेरिका भारतीय दवाओं और फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए अहम बाजार है। फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट काउंसिल के मुताबिक, 2024-25 में भारत ने 2.41 लाख करोड़ रुपये की दवा निर्यात की, जिसमें 31 प्रतिशत अमेरिका को थी। अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 40 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं भारत से आयात की जाती हैं। 2023 में भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात की गई फाइनल गुड्स वस्तुओं में फार्मास्युटिकल उत्पादों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 21.9 प्रतिशत थी।
फर्म
कपड़ा उद्योग भी होगा प्रभावित
ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने अनुमान लगाया है कि भारत का अमेरिका को माल निर्यात काफी प्रभावित होगा। इसका मूल्य लगभग 87 अरब डॉलर है, जो कुल माल निर्यात का लगभग 20 प्रतिशत और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.5 प्रतिशत है। नुवामा ने कहा, "हालांकि, आर्थिक उत्पादन में अमेरिकी निर्यात की मामूली हिस्सेदारी के कारण GDP पर सीधा प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि-उत्पादों और मशीनरी जैसे क्षेत्रों पर इसका व्यापक प्रभाव होने की संभावना है।"
IT
IT क्षेत्र पर क्या असर होगा?
EY इंडिया के टेक्नोलॉजी सेक्टर लीडर नितिन भट्ट ने मिंट से कहा, "हालांकि भारतीय IT सेवा क्षेत्र पर अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। बढ़ती इनपुट लागत अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी खर्च में कटौती करने के लिए प्रेरित कर सकती है। कार्यबल की गतिशीलता को लेकर बढ़ती बेचैनी और विकसित होते डिजिटल कराधान ढांचे सीमा पार सेवाओं के मूल्य निर्धारण और वितरण के तरीके को नए सिरे से परिभाषित कर सकते हैं।"
अन्य क्षेत्र
और किन-किन क्षेत्रों पर पड़ सकता है असर?
नुवामा के मुताबिक, टैरिफ से विदेशी संस्थागत निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, खासकर ऐसे समय में जब भारत की घरेलू खपत कम बनी हुई है। फार्मा, ऑटो, औद्योगिक और टाइल जैसे क्षेत्र, जो अमेरिकी मांग पर काफी हद तक निर्भर हैं में उल्लेखनीय अस्थिरता देखी जा सकती है। रियल एस्टेट और लघु और मध्यम-कैप क्षेत्रों पर पूंजी बहिर्वाह के जोखिम के कारण दबाव देखने को मिल सकता है।
व्यापार
भारत-अमेरिका के बीच कितना व्यापार होता है?
2023 में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 लाख करोड़ रुपये का था। पिछले 10 सालों में अमेरिका के साथ भारत का माल व्यापार अधिशेष 1.40 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान अमेरिका को भारत का निर्यात 3.38 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 6.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है। फिलहाल भारत सबसे ज्यादा माल अमेरिका को निर्यात करता है। कुल भारतीय निर्यात का 17.73 प्रतिशत अमेरिका को होता है।