पर्थ टेस्ट के पहले दिन भारत ने की ये बड़ी गलतियां, जिन्हें सुधारने की है ज़रूरत
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच में पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट के नुकसान पर 277 रन बना लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए हैरिस ने सबसे ज़्यादा 80 रन बनाएं। पहले विकेट के लिए 112 रनों की साझेदारी के बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने 155 रनों के भीतर 6 विकेट लेकर मैच में वापसी की। आइये एक नज़र डालते हैं कि भारतीय टीम ने पर्थ टेस्ट के पहले दिन क्या बड़ी गलतियां की।
बिना स्पिनर के पर्थ में उतरना
दूसरे टेस्ट मैच में पर्थ की हरी पिच को देखते हुए भारत ने चार तेज़ गेंदबाज़ों को मौका देना सही समझा, लेकिन इसके लिए भारत ने किसी भी स्पिनर को टीम में जगह नहीं दी। दूसरे टेस्ट से पहले अश्विन के चोटिल हो जाने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि जडेजा को टीम में शामिल किया जाएगा। पर्थ की हरी पिच पर ही पार्ट टाइम स्पिन गेंदबाज़ विहारी कारगार साबित हुए। विहारी अबतक दो विकेट ले चुके हैं।
तेज़ गेंदबाज़ों का एक ही लाइन में गेंदबाज़ी न करना
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले पर्थ की हरी पिच को देखकर भारतीय कप्तान विराट कोहली काफी खुश हुए थे। यहां तक उन्होंने मैच से पहले ही जीत का ऐलान तक कर दिया था। पर्थ टेस्ट के पहले दिन कोई भी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान नहीं कर सका। बुमराह और उमेश ने एक-एक विकेट और ईशांत ने दो विकेट ज़रूर लिए, लेकिन ऐसा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों के खराब शॉट सेलेक्शन के कारण हो पाया।
पहले सेशन में खराब कप्तानी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले टेस्ट को जीतकर भारत ने भले ही 1-0 की बढ़त बना ली है, लेकिन पर्थ टेस्ट भारत के हाथ से फिसलता नज़र आ रहा है। दूसरे टेस्ट के पहले सेशन में भारत एक भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ को पवेलियन भेजने में नाकाम रहा था। हालांकि उसके बाद भारत ने दोनों सेशन में तीन-तीन विकेट लिए। दो विकेट लेने वाले विहारी को पहले सेशन में कोहली ने गेंदबाज़ी से नदारद रखा।
सलामी जोड़ी की शतकीय साझेदारी के बाद ऑस्ट्रेलिया की जीत तय
ऑस्ट्रेलिया की सलामी जोड़ी ने हीे उसे जीत के करीब पहुंचा दिया है। दरअसल 1996 के बाद से जब भी ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ों ने 100 से ज़यादा रन जोड़े हैं, ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ एक बार हार का सामना करना पड़ा है।