न्यूजीलैंड बनाम भारत: इन चार बड़े कारणों के चलते टेस्ट सीरीज़ में मिली भारत को हार
क्या है खबर?
क्राइस्टचर्च में खेले गए दूसरे टेस्ट में मेज़बान न्यूजीलैंड ने भारत को सात विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही आठ साल बाद भारत को टेस्ट सीरीज़ में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा।
इससे पहले वेलिंग्टन के बेसिन रिजर्व में खेले गए इस सीरीज़ के पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 10 विकेट से करारी शिकस्त दी थी।
आइये जानें इस सीरीज़ में भारतीय टीम की हार के चार बड़े कारण।
#1
शानदार फॉर्म में चल रहे केएल राहुल को नज़रअंदाज़ करना
न्यूजीलैंड के खिलाफ इस सीरीज़ में भारत की हार की सबसे बड़ी वजह शानदार फॉर्म में चल रहे केएल राहुल को नज़रअंदाज़ करना रही।
राहुल इस दौरे पर टी-20 सीरीज़ में सबसे ज्यादा (224) रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। वहीं वनडे सीरीज़ में राहुल ने 102.00 की औसत से 204 रन बनाए थे।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भी राहुल का प्रदर्शन अद्भुत रहा था, फिर भी उन्हें टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम में जगह नहीं मिली।
#2
कोहली की खराब कप्तानी व टीम चयन
इस सीरीज़ के दोनों ही मैचों में कोहली और टीम प्रबंधन ने अंतिम ग्यारह के चयन में काफी गलतियां की, जो सीरीज़ हारने का मुख्य कारण रहीं।
न्यूजीलैंड में ही इंडिया-ए के लिए 136 और 204* रनों की पारी खेलने वाले शुभमन गिल को मौका नहीं दिया गया। वहीं कोहली ने दोनों टेस्ट के दौरान कप्तानी में भी काफी गलतियां की।
कोहली ने कई अहम मौको पर डिफेंसिव कप्तानी की, जबकि उस वक्त उन्हें अटैक करना चाहिए था।
#3
पुछल्ले बल्लेबाज़ों के खिलाफ खराब रणनीति
इस सीरीज़ में भी पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने भारतीय टीम की नाक में दम किया। पहले टेस्ट में 225 रनों पर न्यूजीलैंड के सात विकेट गिरने के बावजूद उनके पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने स्कोर 348 तक पहुंचा दिया, जो भारत की हार का मुख्य कारण रहा।
वहीं दूसरे टेस्ट में भी इसी समस्या के कारण भारत को हार झेलनी पड़ी। दूसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड की पहली पारी में भारत ने 177 रनों पर आठ विकेट गिरा दिए थे, लेकिन स्कोर 235 बना।
#4
साहा की जगह पंत को मौका देना
टेस्ट सीरीज़ में बुरी तरह हारने के बाद कप्तान कोहली को दोनों टेस्ट में ऋषभ पंत को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के फैसले को लेकर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
पंत को टी-20 और वनडे सीरीज़ के एक भी मैच में अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली थी, लेकिन फिर भी कोहली ने उन्हें दोनों टेस्ट में टीम में जगह दी।
जबकि इससे पहले रिद्दिमान साहा टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा थे।