न्यूजीलैंड बनाम भारत: पहले टेस्ट से भारतीय टीम को सीखनी चाहिए ये अहम बातें
वेलिंग्टन के बेसिन रिजर्व में खेले गए पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया। मेज़बान न्यूजीलैंड ने पहली पारी में भारत को सिर्फ 165 रनों पर समेटने के बाद अपनी पहली पारी में 348 रन बनाकर 183 रनों की बढ़त हासिल की। इसके बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम एक बार फिर न्यूजीलैंड के गेंदबाज़ों के सामने 191 रनों पर ढ़ेर हो गई। आइये जानें पहले टेस्ट से भारत को क्या सीख लेनी चाहिए।
स्विंग गेंदबाज़ी के लिए रहना होगा तैयार
बेसिन रिज़र्व में न्यूजीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों की स्विंग के आगे भारतीय बल्लेबाज़ों ने पूरी तरह से सरेंडर कर दिया। पिछले काफी वक्त से स्विंग भारतीय बल्लेबाज़ों की कमज़ोरी रही है। ऐसे में अगर भारतीय टीम को इस सीरीज़ का दूसरा टेस्ट जीतना है, तो उसे स्विंग गेंदबाज़ी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। भारत की इस कमज़ोरी को देखते हुए उम्मीद है कि दूसरे टेस्ट में भी हमें ऐसी ही पिच देखने को मिल सकती है।
सिर्फ विराट कोहली पर निर्भर रहना होगा गलत
इस टेस्ट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ ने ज़िम्मेदारी और संयम से बल्लेबाज़ी नहीं की। अजिंक्य रहाणे और मयंक अग्रवाल दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत के बाद भी संयम नहीं दिखा सके। भारतीय टीम इस बार भी विराट कोहली पर ही निर्भर दिखी, लेकिन कोहली हमेशा अकेले पूरी टीम की बल्लेबाज़ी का भार नहीं ढ़ो सकते हैं। इसलिए सभी बल्लेबाज़ों को ज़िम्मेदारी लेनी होगी और कंडीशंस को समझते हुए संयम के साथ खेलना होगा।
टेस्ट में भी ज़रूरी हैं रविंद्र जडेजा
इस टेस्ट में दाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ रविंद्र जडेजा की काफी कमी खेली। लगभग सभी जानते हैं कि जडेजा टीम को अधिक संतुलन प्रदान करते हैं। जडेजा के टीम में रहने से बल्लेबाज़ी का विकल्प तो बढ़ता ही है, वहीं गेंदबाज़ी में भी वह कारगार साबित होते हैं। पिछले साल उन्होंने ऐसा कई बार कर के दिखाया था। पिछले साल आठ टेस्ट में जडेजा ने 62.86 की औसत से 440 रन और 21 विकेट अपने नाम किए लिए थे।
स्पिनर्स हैं भारतीय टीम की ताकत
इस टेस्ट में भारत ने तीन तेज़ गेंदबाज़ और एक स्पिनर के साथ उतरने का फैसला किया था, जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ। भारतीय टीम प्रबंधन को यह समझना चाहिए कि इस टीम की सबसे मज़बूत कड़ी उसके स्पिनर्स हैं। ऐसे में टीम को आगे अपनी मज़बूती पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही कीवी बल्लेबाज़ भी स्पिनर्स के सामने कई बार संघर्ष करते भी दिखे हैं। इसलिए आगे भारत को दो स्पिनर्स के साथ ही खेलना चाहिए।