इंग्लैंड: फुटबॉल टीम के मैच हारने पर 38 प्रतिशत बढ़ते हैं घरेलू हिंसा के मामले
पूरे यूनाइटेड किंगडम (UK) में घरेलू हिंसा के मामले काफी अधिक हैं और जब भी इंग्लैंड की फुटबॉल टीम कोई मैच हारती है तब इस हिंसा में और बढ़ोत्तरी होती है। इंग्लैंड में फुटबॉल फैंस की संख्या काफी अधिक है। फुटबॉल को लेकर दीवाने लोगों में पैशन के अलावा एक दूसरा खराब पहलू भी है जो कि इन्हें हिंसा करने पर मजबूर करता है। एक ताजा सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
इंग्लैंड के मैचों के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में होती है 38 प्रतिशत वृद्धि
UK के नेशनल सेंटर फॉर डॉमेस्टिक वायलेंस (NCDV) द्वारा साझा किए गए डाटा के मुताबिक समाज में यह बुराई तेजी से फैल रही है। इंग्लैंड की फुटबॉल टीम के एक्शन में होने पर घरेलू हिंसा के मामलों में 26 प्रतिशत की वृद्धि होती है। इंग्लिश जब कोई मैच हारती है तो हिंसा के इन मामलों में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलती है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि मामला कितना गंभीर है।
यूरो के दौरान भी खूब हुई घरेलू हिंसा
2018 में फीफा विश्व कप के दौरान NCDV ने एक फोटो रिलीज की थी जिसमें दिखाया गया था कि एक महिला की नाक से खून निकल रहा था। इस फोटो में दर्शाया गया था कि किस तरह टीम के पिच पर किए जा रहे प्रदर्शन का असर महिलाओं पर पड़ता है। बीती रात समाप्त हुए यूरो 2020 के दौरान भी चीजें अलग नहीं थीं और देश में घरेलू हिंसा के मामले अपने चरम पर थे।
स्टेडियम के बाहर और सड़कों पर हुआ जमकर उपद्रव
इंग्लैंड में केवल घरेलू हिंसा ही एकमात्र चिंताजनक चीज नहीं है बल्कि फैंस द्वारा स्टेडियम के बाहर किए जाने वाले बवाल भी चिंताजनक है। बीती रात हुए यूरो 2020 के फाइनल को ही देख लें तो फैंस ने जमकर बवाल काटा। वेंबली स्टेडियम के सामने फैंस को काबू में करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और 49 लोगों को गिरफ्तार करने के चक्कर में 17 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
अवे फैंस के साथ भी की गई जमकर मारपीट
यूरो चैंपियन बनने वाली इटली के अवे फैंस को मैच के बाद और पहले इंग्लिश फैंस के गुस्से का सामना करना पड़ा। ऐसी तमाम वीडियो सामने आई हैं जिसमें इटली के फैंस की धुनाई की जा रही है। इटली के फैंस के साथ मारपीट करने के अलावा इंग्लिश फैंस ने अपने ही अश्वेत खिलाड़ियों पर जमकर रंगभेदी टिप्पणियां भी की थीं। ट्विटर पर लगातार इन फैंस की आलोचना की जा रही है।