स्वतंत्रता दिवस 2024: भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं ये 3 खिलाड़ी
भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना टेस्ट 1932 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ सीके नायडू की कप्तानी में खेला था। 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली और देश के विभाजन के बाद कुछ ऐसे खिलाड़ी हुए, जिन्होंने भारत के बाद पाकिस्तान की ओर से भी क्रिकेट खेला। अब आगामी 15 अगस्त को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस अवसर पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से खेल चुके खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं।
गुल मोहम्मद
15 अक्टूबर, 1921 को लाहौर में जन्में गुल मोहम्मद ने 1946 से 1952 के बीच 8 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 11.06 की औसत के साथ 166 रन बनाए थे। इस बीच 34 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा था। इसके बाद 1956 में उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम की ओर से अपना इकलौता टेस्ट खेला, जिसकी 2 पारियों में कुल 39 रन बनाए थे। 1955 में उन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता ली थी।
रणजी ट्रॉफी के दौरान की थी रिकॉर्ड साझेदारी
भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गुल कमाल नहीं दिखा पाए हों, लेकिन उन्हें रणजी ट्रॉफी में तिहरे शतक के लिए याद किया जाता है। उन्होंने बड़ौदा की ओर से खेलते हुए 1946-47 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में होलकर के खिलाफ 319 रन बनाए थे। उस दौरान उन्होंने विजय हजारे के साथ मिलकर 577 रन की साझेदारी की थी। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तब किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का नया विश्व रिकॉर्ड बन गया था।
अब्दुल हफीज करदार
अब्दुल हफीज कारदार का जन्म 17 जनवरी, 1925 को लाहौर में हुआ था। उन्होंने भारत की ओर से 1946 में 3 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 16.00 की औसत के साथ 80 रन बनाए थे। देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान ने 1952 में अपना पहला टेस्ट खेला, जिसमें करदार ही कप्तान थे। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से 1952-58 तक कुल 23 टेस्ट खेले थे, जिसमें 24.91 की औसत के साथ 847 रन बनाए थे।
करदार की कप्तानी में पाकिस्तान ने जीते थे 6 टेस्ट
करदार की कप्तानी के दौरान, पाकिस्तान ने कुल 23 टेस्ट में से 6 जीते, 6 हारे और 11 मैच ड्रॉ किए। उनकी कप्तानी में ही पाकिस्तान ने भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों के खिलाफ जीत का स्वाद चख लिया था।
आमिर इलाही
1 सितंबर, 1908 को लाहौर में जन्में आमिर इलाही ने 1947 में भारत की ओर से अपना इकलौता टेस्ट खेला था। वह उस मैच में कोई विकेट नहीं ले सके थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से उन्होंने 1952 में 5 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने सिर्फ 7 विकेट लिए थे। वह दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज थे। हालांकि, अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अंत में उन्होंने लेग ब्रेक गेंदबाजी भी की थी।