मिलिए अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों से
भारत ने अंडर-19 विश्व कप का खिताब इंग्लैंड को हराते हुए जीता है। लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम ने रिकॉर्ड पांचवीं बार खिताब पर अपना कब्जा जमाया है। भारत को चैंपियन बनाने में कई खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया। टूर्नामेंट शुरु होने के बाद भारतीय टीम पर कोरोना संकट भी आया था, लेकिन टीम ने खिताब जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आइए जानते हैं भारतीय टीम के खिलाड़ियों के बारे में कुछ अहम बातें।
सेमीफाइनल में ढुल ने लगाया था शानदार शतक
दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज यश ढुल भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले पांचवें कप्तान बने हैं। इससे पहले उनकी कप्तानी में भारत ने अंडर-19 एशिया कप का खिताब भी जीता था। ढुल ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया था। कोरोना संक्रमित होने के कारण कुछ मुकाबले मिस करने वाले ढुल ने चार मैचों में 76.33 की औसत के साथ 229 रन बनाए।
सेमीफाइनल और फाइनल में चला था उप-कप्तान रशीद का बल्ला
आंध्र प्रदेश के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज शेख रशीद ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 94 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद उन्होंने फाइनल में भी अर्धशतक लगाया था। ढुल की तरह रशीद ने भी कोरोना संक्रमित होने के कारण कुछ मुकाबले मिस किए थे। उन्होंने चार मैचों में 201 रन बनाए। हाल ही में हुए एशिया कप के सेमीफाइनल में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 90 रन बनाए थे।
बावा ने दिखाया शानदार ऑलराउंड खेल
राज बावा फाइनल मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। उन्होंने फाइनल में पांच विकेट लेने के अलावा 35 रन भी बनाए थे। बावा ने छह मैचों में 252 रन बनाए। उन्होंने यूगांडा के खिलाफ नाबाद 162 रनों की पारी खेली थी जो इस टूर्नामेंट में किसी भारतीय का सर्वोच्च स्कोर है। उनके पिता सुखविंदर बावा ने युवराज सिंह को कोचिंग दी है। उनके दादा तारलोचन बावा ने 1948 में भारत के लिए हॉकी में ओेलंपिक पदक जीता था।
भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे ओपनर रघुवंशी
दाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी के पिता भारत के लिए टेनिस और मां बास्केटबाल खेल चुके हैं। 11 साल की उम्र में दिल्ली से मुंबई आने के बाद अभिषेक नायर उनके कोच हैं। रघुवंशी ने यूगांडा के खिलाफ 120 गेंदों में 144 रनों की पारी खेली थी। रधुवंशी ने छह मैचों में 278 रन बनाए और पांचवें सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। रघुवंशी भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
नहीं चल सका हरनूर का बल्ला
बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज हरनूर सिंह ने छह मैचों में केवल 141 रन बनाए। हरनूर ने इस दौरान एक अर्धशतक लगाया और 88 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। हरनूर की बल्लेबाजी की शैली शिखर धवन से मिलती है।
असिस्टेंट कमिश्नर के बेटे हैं तांबे, यूपी के तेज गेंदबाज हैं वत्स
कौशल तांबे के पिता असिस्टेंट कमिश्नर हैं। कौशल ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी की आठ पारियों में दो शतकों की बदौलत 328 रन बनाए थे। हालांकि, विश्व कप की पांच पारियों में वह केवल 67 ही रन बना सके। तांबे ने गेंदबाजी में अच्छा काम करते हुए पांच विकेट चटकाए। उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज वासु वत्स को केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिला। वासु ने यूगांडा के खिलाफ खेले मैच में एक विकेट हासिल किया था।
हंगरगेकर ने लिए छह मैचों में पांच विकेट
भारतीय तेज गेंदबाज राजवर्धन हंगरगेकर ने छह मैचों में पांच विकेट हासिल किए। हंगरगेकर ने केवल एक ही मैच में चार से अधिक की इकॉनमी से रन खर्च किए। उन्होंने मौका मिलने पर बल्ले से भी बड़े शॉट लगाए।
बेहतरीन ऑलराउंडर के साथ अच्छे लीडर भी हैं सिंधु
खब्बू ऑलराउंडर निशांत सिंधु की कप्तानी में हरियाणा 19 साल बाद वीनू मांकड़ ट्रॉफी जीती थी। इसके अलावा 2019 में अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी भी जीत चुकी है। ढुल के कोरोना संक्रमित होने पर सिंधु ने भारत की कप्तानी भी की थी। उन्होंने पांच मैचों में 140 रन बनाए जिसमें फाइनल में लगाया अर्धशतक शामिल था। सिंधु ने 16.83 की औसत के साथ छह विकेट भी हासिल किए।
ओस्तवाल ने लिए भारत के लिए सर्वाधिक विकेट
बाएं हाथ के स्पिनर विकी ओस्तवाल भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। विकी ने छह मैचों में 13.33 की औसत के साथ 12 विकेट लिए। टूर्नामेंट में उन्होंने 44 ओवर की गेंदबाजी की और केवल 160 रन खर्च किए।
इन दो खिलाड़ियों ने भी किया प्रभावित
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार ने क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 10 विकेट अपने नाम किए। हिसार के दिनेश बाना ने विकेटकीपर के रूप में पांच मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने 190 की स्ट्राइक-रेट के साथ 63 रन बनाए। बाना ने सेमीफाइनल मैच में चार गेंदों में 20 रनों की नाबाद पारी खेली थी। उन्होंने छक्के के साथ भारत को चैंपियन भी बनाया था।