शतरंज विश्व कप 2023, फाइनल: प्रागननंदा-कार्लसन के बीच पहला गेम रहा ड्रॉ, कल होगा दूसरा गेम
क्या है खबर?
भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रागननंदा और नॉर्वे के दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच अजरबैजान के बाकू में खेले जा रहे शतरंज के विश्व कप फाइनल का पहला गेम ड्रॉ पर समाप्त हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) के मुताबिक, अब दूसरा क्लासिकल गेम बुधवार (23 अगस्त) को खेला जाएगा, जिसमें प्रागननंदा काली मुहरों के साथ अपनी चुनौती पेश करेंगे।
आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
मैच
35 चालों के बाद ड्रॉ पर समाप्त हुआ पहला गेम
महज 18 साल की उम्र में फाइनल में पहुचंकर इतिहास रच चुके प्रागननंदा ने आज सफेद मुहरों के साथ खेल की शुरुआत की। उन्होंने 5 बार के विश्व चैंपियन कार्लसन को कड़ी टक्कर दी।
आखिरकार 35 चालों के बाद दोनों ग्रैंडमास्टर ने पहले गेम को ड्रॉ पर समाप्त करने पर सहमति जताई।
बता दें कि प्रागननंदा के पास विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप जीतने वाले दूसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बनने का सुनहरा मौका है।
परिचय
कौन हैं ग्रैंडमास्टर प्रागननंदा?
प्रागननंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ है।
उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं।
दिलचस्प बात यह है कि प्रागननंदा की बड़ी बहन वैशाली भी शतरंज खेलती हैं। बता दें वैशाली अगस्त 2021 में भारत की 10वीं इंटरनेशनल महिला मास्टर बनी थी।
प्रागननंदा और वैशाली दोनों के कोच आरबी रमेश हैं।
कार्लसन
छठा खिताब जीतने के करीब हैं कार्लसन
कार्लसन के पास विश्व कप में अपना छठा खिताब जीतने का मौका है। इससे पहले वह 2013, 2014, 2016, 2018 और 2021 में ये प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम कर चुके हैं।
अगर वह फाइनल में प्रागननंदा को हराने में सफल हो पाते हैं, तो संयुक्त रूप से सर्वाधिक विश्व कप जीतने वाले ग्रैंडमास्टर बन जाएंगे।
अब तक जर्मनी के इमानुएल लास्कर और रूस के गैरी कास्पारोव ने सर्वाधिक 6-6 बार ये खिताब जीते हैं।