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चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में लैंडिंग की तैयारी में जापानी कंपनी, 6 जून को उतरेगा लैंडर 
चंद्रमा के 'ठंडे सागर' में लैंडिंग की तैयारी में जापान (तस्वीर: आईस्पेस)

चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में लैंडिंग की तैयारी में जापानी कंपनी, 6 जून को उतरेगा लैंडर 

Jun 03, 2025
10:30 am

क्या है खबर?

जापान की एक निजी कंपनी इस महीने चंद्रमा पर उतरने की कोशिश में है। आईस्पेस नाम की कंपनी 6 जून को चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग का प्रयास करने जा रही है। कंपनी का लैंडर 'रेसिलिएंस' भारतीय समयानुसार 6 जून की रात 12:54 बजे चंद्रमा के 'मारे फ्रिगोरिस' नाम की जगह पर उतरने की कोशिश करेगा। लैंडिंग से 1 घंटा पहले यह प्रयास आईस्पेस के यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकेगा। यह जापान के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है।

कामयाबी 

चंद्र अभियान से मिल सकती है बड़ी कामयाबी 

रेसिलिएंस लैंडर आईस्पेस का दूसरा चंद्र मिशन है। पिछला मिशन अप्रैल, 2023 में असफल रहा था। इस बार अगर लैंडिंग सफल होती है, तो लैंडर एक छोटा रोवर 'टेनेशियस' भी तैनात करेगा, जो चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक शोध करेगा। यह मिशन सिर्फ जापान ही नहीं, बल्कि निजी अंतरिक्ष कंपनियों के लिए भी बहुत अहम होगा। इससे साबित होगा कि निजी कंपनियां भी सफलतापूर्वक चंद्रमा पर मिशन भेज सकती हैं।

सफर

धीरे-धीरे तय किया लंबा सफर 

रेसिलिएंस को 15 जनवरी को स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इसने पृथ्वी की कक्षा और चंद्र फ्लाईबाय के जरिए चंद्रमा तक का सफर तय किया। 6 मई को यह चंद्र कक्षा में पहुंचा और अब हर 2 घंटे में चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। 28 मई को 10 मिनट की इंजिन जलाने की प्रक्रिया से यह चंद्रमा के चारों ओर गोल कक्षा में आ चुका है और लैंडिंग की तैयारी में जुटा है।

लैंडिंग 

लैंडिंग वाले जगह की खासियत क्या है?

रेसिलिएंस लैंडर मारे फ्रिगोरिस नामक जगह पर उतरने की कोशिश करने वाला है, जिसका मतलब 'ठंड का सागर' होता है। यह चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में स्थित एक बड़ा और समतल क्षेत्र है, जो पुराने ज्वालामुखीय लावे से बना है। यह इलाका वैज्ञानिकों के लिए इसलिए खास है, क्योंकि यहां की जमीन चंद्रमा के भूगर्भीय इतिहास को समझने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही, यह भविष्य के मिशनों के लिए एक सुरक्षित लैंडिंग जोन माना जाता है।