एयरथिंग्स मास्टर्स: 16 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रागननंदा ने विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रागननंदा ने सोमवार को एयरथिंग्स मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट के आठवें दौर में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हरा दिया। प्रागननंदा ने काले मोहरों से खेलते हुए 39 चालों में जीत हासिल करके कार्लसन की तीन मैचों की जीत का सिलसिला खत्म कर किया। इस जीत के बाद वह अब तालिका में आठ अंकों के साथ संयुक्त 12वें स्थान पर है। इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
प्रागननंदा ने दर्ज की अपनी दूसरी जीत
एयरथिंग्स मास्टर्स में प्रागननंदा ने अपनी दूसरी जीत दर्ज की है। इससे पहले उन्होंने लेव एरोनियन को हराया था जबकि अनीश गिरी और क्वांग लीम के खिलाफ ड्रॉ खेला था। दूसरी तरफ उन्हें एरिक हैनसेन, डिंग लिरेन, जान-क्रिजस्टोफ डूडा और शखरियार मामेद्यारोव से हार का सामना करना पड़ा था। 16 खिलाड़ियों के ऑनलाइन रैपिड टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स में, एक खिलाड़ी को जीत के लिए तीन अंक मिलते हैं और प्रारंभिक दौर में ड्रॉ के लिए एक अंक मिलता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
प्रागननंदा पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बने हैं। उनसे पहले पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और जीएम पेंटाला हरिकृष्णा ऐसा कारनामा कर चुके हैं।
एयरथिंग्स मास्टर्स की अंकतालिका
रूसी शतरंज स्टार इयान नेपोमनियाचची 19 अंकों के साथ फिलहाल एयरथिंग्स मास्टर्स में शीर्ष स्थान पर मौजूद हैं। उनके बाद डिंग लिरेन और हैनसेन 15-15 अंक अर्जित करके संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। वहीं एंड्री एसिपेंको 14 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर काबिज हैं। रूसी दिग्गज ग्रैंडमास्टर कार्लसन 13 अंकों के साथ चौथे स्थान पर हैं। इस सूची में विंसेंट कीमर, लेवोन एरोनियन और अनीश गिरी अन्य शामिल हैं।
ऐसा रहा है प्रागननंदा का पिछला प्रदर्शन
प्रागननंदा 2022 टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट का भी हिस्सा थे। उन्होंने एंड्री एसिपेंको, विदित गुजराती और निल्स ग्रैंडेलियस के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद 5.5 अंक के अंतिम स्कोर के साथ 12वें स्थान पर टूर्नामेंट खत्म किया था। उन्होंने पिछले साल अप्रैल में जूलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर का पहला चरण (पोलगर चैलेंज) जीता था। बता दें जूलियस बेयर चैलेंजर्स चार चरणों में खेला जाने वाला टूर्नामेंट है।
कौन हैं ग्रैंड मास्टर प्रागननंदा?
अभिमन्यु मिश्रा, सर्गेई कारजाकिन, गुकेश डी और जवोखिर सिंदारोव के बाद प्रागननंदा पांचवें सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर हैं। 2013 में उन्होंने सात साल की उम्र में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-8 जीती थी। वहीं दो साल बाद उन्होंने अंडर-10 का खिताब अपने नाम किया। साल 2016 में वह सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। उन्होंने ये उपलब्धि 10 साल की उम्र में हासिल कर ली थी।