विश्व चैंपियन कार्लसन को दूसरी बार हराने वाले 16 वर्षीय ग्रैंड मास्टर प्रागननंदा कौन हैं?
क्या है खबर?
भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रागननंदा ने मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हरा दिया। उन्होंने पिछले तीन महीने में दूसरी बार कार्लसन को शिकस्त देकर चौंका दिया है।
16 वर्षीय प्रागननंदा ने ऑनलाइन खेले जा रहे 'चेसेबल मास्टर्स' टूर्नामेंट में यह कारनामा किया है। इस जीत के बाद उन्होंने खुद की नॉकऑउट स्टेज की उम्मीदों को जिन्दा रखा है।
इस बीच प्रागननंदा के बारे में दिलचस्प बातें जानते हैं।
चेसेबल मास्टर्स
कार्लसन की गलती से जीते प्रागननंदा
चेसेबल मास्टर्स के पांचवे राउंड में भारत के प्रागननंदा के सामने नॉर्वे के कार्लसन थे और एक समय यह मैच ड्रा की ओर बढ़ रहा था।
आखिरी कुछ पलों में कार्लसन ने काले मुहरों से खेलते हुए 40वीं चाल में बड़ी गलती कर दी, जिसका फायदा उठाने में प्रागननंदा ने कोई कसर नहीं छोड़ी और मुकाबला जीत लिया।
कार्लसन के ऊपर जीत के बाद प्रागननंदा के चेसेबल मास्टर्स में 12 अंक हो गए हैं।
परिचय
कौन हैं ग्रैंड मास्टर प्रागननंदा?
प्रागननंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ है। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं।
दिलचस्प बात यह है कि प्रागननंदा की बड़ी बहन वैशाली भी शतरंज खेलती हैं।
बता दें वैशाली अगस्त 2021 में भारत की 10वीं इंटरनेशनल महिला मास्टर बनी थी।
प्रागननंदा और वैशाली दोनों के कोच आरबी रमेश हैं।
ग्रैंड मास्टर
पांचवें सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर हैं प्रागननंदा
अभिमन्यु मिश्रा, सर्गेई कारजाकिन, गुकेश डी और जवोखिर सिंदारोव के बाद प्रागननंदा पांचवें सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर हैं।
2013 में उन्होंने सात साल की उम्र में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-8 जीती थी।
वहीं दो साल बाद उन्होंने अंडर-10 का खिताब अपने नाम किया।
साल 2016 में वह सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। उन्होंने ये उपलब्धि 10 साल की उम्र में हासिल कर ली थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
विश्व चैंपियन बनने के बाद कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा ग्रैंड मास्टर हैं प्रागननंदा
प्रागननंदा ने इसी साल फरवरी में कार्लसन को एयरथिंग्स मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में हराया था। वह पांच बार के विश्व चैंपियन कार्लसन को हराने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बने थे। उनसे पहले पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और जीएम पेंटाला हरिकृष्णा ऐसा कारनामा कर चुके हैं।
पिछली जीत के साथ ही प्रागननंदा, विश्व चैंपियन बनने के बाद कार्लसन के खिलाफ कोई मैच जीतने वाले सबसे युवा ग्रैंड मास्टर भी बने थे।
प्रदर्शन
ऐसा रहा है प्रागननंदा का हालिया प्रदर्शन
प्रागननंदा 2022 टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट का भी हिस्सा थे। उन्होंने एंड्री एसिपेंको, विदित गुजराती और निल्स ग्रैंडेलियस के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद 5.5 अंक के अंतिम स्कोर के साथ 12वें स्थान पर टूर्नामेंट खत्म किया था।
उन्होंने पिछले साल अप्रैल में जूलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर का पहला चरण (पोलगर चैलेंज) जीता था। बता दें जूलियस बेयर चैलेंजर्स चार चरणों में खेला जाने वाला टूर्नामेंट है।