
भारत के 76वें चेस ग्रैंडमास्टर बने प्रणव आनंद, जानें जरूरी बातें
क्या है खबर?
बेंगलुरु के रहने वाले प्रणव आनंद भारत के 76वें ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। रोमानिया में चल रहे वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप में 2,500 एलो मार्क पार करने के बाद 15 साल के खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की है।
2,500 एलो प्वाइंट्स हासिल करने के अलावा प्रणव ने ग्रैंडमास्टर बनने के लिए जरूरी तीनों चीजें पूरी की हैं। उन्होंने आखिरी शर्त इस साल जुलाई में पूरी की थी।
शर्त
प्रणव ने जुलाई में पूरी की थीं शर्तें
इस साल जनवरी और मार्च में प्रणव ने ग्रैंडमास्टर की दोनों शर्तें पूरी की थी। उन्होंने सिट्जेस ओपन तथा वेजेरकेप्सो राउंड रॉबिन टूर्नामेंट में यह उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने स्पेन के एडुआर्डो बोनेली (2,619) से ड्रॉ खेलते हुए जुलाई में आखिरी शर्त पूरी की थी।
ग्रैंडमास्टर बनने की सभी जरूरतें पूरी करने के अगले दिन ही प्रणव ने फ्रांस के अगस्तीन ड्रोइन को हराते हुए अंडर-14 गोल्ड जीता था
यूथ चैंपियनशिप
यूथ चैंपियनशिप में भारत ने जीते दो स्वर्ण
वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप में भारत को बड़ी सफलता मिली है और उन्होंने इवेंट में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं। अंडर-16 कैटेगिरी में प्रणव ने स्वर्ण अपने नाम किया है तो वहीं अंडर-14 में इलमपार्थी ने स्वर्ण पदक जीता है।
प्रणव ने 11 राउंड में एक भी नहीं गंवाया। उन्होंने सात में जीत हासिल की और चार ड्रॉ खेले। भारत इस इवेंट में सबसे आगे रहा।
बयान
कैलकुलेशन में बेहतरीन हैं प्रणव- कोच
प्रणव के कोच वी सरवानन ने प्रणव द्वारा वर्ल्ड चैंपियनशिप में 11 राउंड से नौ प्वाइंट्स हासिल करने के बाद कहा, "वह किसी भी घंटे में काम कर सकते हैं। वह खास तौर से कैलकुलेशन में अच्छा है और साथ ही गेम खत्म करने में भी वह बेहतरीन है। फिलहाल ये दो चीजें उसके सबसे बड़े हथियार हैं।"
सरवानन का मानना है कि यदि महामारी नहीं आई होती तो वह पहले ही ग्रैंडमास्टर बन चुके होते।
युवा चेस ग्रैंडमास्टर
कौन है सबसे युवा चेस ग्रैंडमास्टर?
जुलाई 2021 में न्यू जर्सी के रहने वाले अभिमन्यु मिश्रा विश्व के सबसे युवा चेस मास्टर बने थे। 12 साल, चार महीने और 25 दिन की उम्र में यह कारनामा करके अभिमन्यु ने 19 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपने नाम कर लिया था।
सर्जे कर्जाकिन जो 2016 में विश्व चैंपियन बने थे ने इस टाइटल को 12 साल और सात महीने की उम्र में हासिल किया था।