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रणजी ट्रॉफी फाइनल: काफी महंगा होने के कारण नहीं हो रहा DRS का इस्तेमाल- BCCI
मैदान से बाहर जाते मुंबई के खिलाड़ी (तस्वीर: ट्विटर/@BCCIdomestic)

रणजी ट्रॉफी फाइनल: काफी महंगा होने के कारण नहीं हो रहा DRS का इस्तेमाल- BCCI

लेखन Neeraj Pandey
Jun 24, 2022
01:54 pm

क्या है खबर?

रणजी ट्रॉफी 2021-22 का फाइनल बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई और मध्य प्रदेश के बीच खेला जा रहा है। इस अहम मुकाबले में डिसीजन रीव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने DRS का इस्तेमाल नहीं करने के पीछे इसके महंगे होने का तर्क दिया है। इसके अलावा उनके मुताबिक उन्हें अपने अंपायर्स पर काफी भरोसा है।

कारण

क्यों नहीं किया गया DRS का इस्तेमाल?

टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक एक BCCI ऑफिशियल का कहना है कि उन्हें अपने अंपायर्स पर भरोसा है। उन्होंने आगे कहा, "DRS का इस्तेमाल करना काफी महंगा है। फाइनल में DRS के नहीं होने से क्या फर्क पड़ेगा। हमने अपने अंपायर्स पर भरोसा दिखाया है और मैच के लिए भारत के दो बेस्ट अंपायर्स को रखा है। यदि आप फाइनल में इसका इस्तेमाल करेंगे तो फिर लीग चरण में भी करना चाहेंगे।"

DRS

2019-20 सीजन में हुआ था लिमिटेड DRS का इस्तेमाल

2018-19 सीजन में सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए कर्नाटक के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा दो बार आउट होने से बचे थे। इसके बाद बोर्ड ने 2019-20 सीजन में लिमिटेड DRS का इस्तेमाल किया था। टीमों के पास रीव्यू लेने का मौका था, लेकिन रीव्यू के लिए हॉकआई और अल्ट्राएज नहीं दिए गए थे। रीव्यू के समय ये दोनों चीजें सबसे अहम मानी जाती हैं और इसके बिना DRS प्रभावी नहीं है।

लागत

कितना महंगा है DRS का इस्तेमाल?

रणजी ट्रॉफी के मुकाबले भले ही टीवी पर आते हैं, लेकिन इनमें बेहद कम कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है। बड़े देशों के अंतरराष्ट्रीय मैचों या फिर टी-20 लीग्स के मैचों में हर एंगल देख पाने के लिए ढेर सारे कैमरे लगाए जाते हैं। DRS को इस्तेमाल के लिए अलग से चार कैमरों का सेट और वायरिंग लगानी होती है। इसकी लागत लगभग 14 लाख रुपये बताई जाती है।

मैच

किस स्थिति में है फाइनल मुकाबला?

पहली पारी में मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान करीबी मामले में आउट होने से बच गए थे और इसके बाद उन्होंने 134 रनों की पारी खेलते हुए अपनी टीम को 374 के स्कोर तक पहुंचाया था। सरफराज के अलावा यशस्वी जायसवाल ने भी 78 रनों की पारी खेली थी। खबर लिखे जाने तक इसके जवाब में तीसरे दिन मध्य प्रदेश ने एक विकेट के नुकसान पर 268 रन बना लिए हैं।