#HappyBirthdayXavi: स्पेन को वर्ल्ड कप जिताने वाले, बार्सिलोना के लेज़ेंड के करियर पर एक नज़र
25 जनवरी, 1980 को स्पेन के टेरासा में जन्में हाविएर हर्नांडेज़ आज विश्व फुटबॉल के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर्स में से एक हैं। ज़ावी को उनके सटीक पास और गेम को समझने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा फुटबॉल पिच पर उनके जैसे जेंटलमैन का मिलना आज के समय में काफी बड़ी बात है। वह स्पेन के सबसे सफल मिडफील्डर माने जाते हैं। बार्सिलोना लेजेंड के 39वें जन्मदिन पर हम लेकर आए हैं उनके लेजेंड बनने का सफर।
11 साल की उम्र में शुरु किया फुटबॉल
ज़ावी के पिता होआकिम पूर्व फुटबॉलर थे, जिन्होंने क्लब लेवल फुटबॉल खेला था। 11 साल की उम्र में ही ज़ावी को बार्सिलोना की मशहूर यूथ एकेडमी ला मासिया में जाने का मौका मिला। यूथ लेवल पर ही ज़ावी ने अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था, जिसकी वजह से ही उन्हें बार्सिलोना B टीम में जगह मिली थी। बार्सिलोना B को प्रमोशन दिलाने में ज़ावी का अहम योगदान रहा, जिसके बाद उन्होंने सीनियर टीम डेब्यू किया।
बार्सिलोना के लिए सबसे ज़्यादा मुकाबले खेलने वाले खिलाड़ी
मात्र 11 साल की उम्र में बार्सिलोना की मशहूर ला मासिया एकाडमी से अपना फुटबॉल करियर शुरु करने वाले ज़ावी ने लगभग 24 साल क्लब के साथ बिताए। बार्सिलोना के लिए ज़ावी ने सबसे ज़्यादा 767 मुकाबले खेले हैं और कुल 85 गोल दागे हैं। ज़ावी ने क्लब के साथ 32 मेजर ट्रॉफियां जीती थी जिनमें चार चैंपियन्स लीग खिताब भी शामिल हैं। इसके अलावा ज़ावी को स्पेन का सबसे सफल मिडफील्डर भी कहा जाता है।
ज़ावी और इनिएस्ता की जोड़ी थी खतरनाक
पेप गार्डियोला के अंडर खेलने वाली बार्सिलोना को हरा पाना किसी भी क्लब के लिए काफी कठिन था और इसका सबसे बड़ा श्रेय ज़ावी और इनिएस्ता की जोड़ी को जाता है। ज़ावी शानदार प्लेमेकर थे और वह फील्ड पर जो गैप देख लेते थे वह शायद ही कोई देख पाएगा। इनिएस्ता के साथ मिलकर वह टिकी-टाका खेलते थे। छोटे-छोटे पासों के जरिए विपक्षी के ऊपर अटैक किया जाता था और देखते ही देखते बार्सिलोना गोल दाग देती थी।
दो बार यूरोपियन चैंपियन रह चुके हैं ज़ावी
2008 में स्पेन को यूरो कप जिताने वाले ज़ावी को टूर्नामेंट का बेस्ट प्लेयर चुना गया था। 2012 के यूरो कप फाइनल जीत में ज़ावी ने दो असिस्ट किए थे और दो यूरो कप फाइनल में असिस्ट करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
स्पेन को जिताया 2010 वर्ल्ड कप
2010 में अफ्रीका में हुए वर्ल्ड कप में ज़ावी का प्रदर्शन असाधारण था। उन्होंने 91% सक्सेस रेट के साथ सबसे ज़्यादा 599 पास किए थे। इसके अलावा उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा सटीक क्रॉस भी किए थे। ज़ावी मैदान के हर कोने में दिखाई दे रहे थे। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान 80.20 किमी का डिस्टेंस और केवल फाइनल में ही लगभग 15 किमी का डिस्टेंस कवर किया था। ज़ावी की बदौलत ही स्पेन ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीता।