
क्या है उल्का वर्षा और यह कैसे होती है?
क्या है खबर?
कभी आपने रात में आकाश की ओर देखा होगा और अचानक एक तेज रेखा जैसी रोशनी गुजरती दिखी होगी। इसे आम भाषा में 'टूटता तारा' कहा जाता है, लेकिन असल में यह उल्का होता है। जब कई उल्काएं एक साथ दिखती हैं, तो उसे उल्का वर्षा कहा जाता है। यह एक खास खगोलीय घटना है, जो साल में कुछ बार ही होती है और देखने में बेहद खूबसूरत लगती है।
#1
क्या होती है उल्का वर्षा?
उल्का वर्षा की घटना तब होती है जब अंतरिक्ष से कई सारे छोटे-छोटे पत्थर या धूल के कण धरती के वायुमंडल में आते हैं और जलने लगते हैं। ये उल्काएं इतनी तेजी से आती हैं कि हवा में घर्षण के कारण जलकर चमकने लगती हैं। यह चमकती रोशनी हमें जमीन से दिखती है। जब एक साथ कई उल्काएं आती हैं, तो इसे उल्का वर्षा या 'मेटेओर शावर' कहा जाता है।
#2
उल्का वर्षा कैसे होती है?
धरती जब सूर्य की परिक्रमा करती है, तो वह कभी-कभी किसी धूमकेतु द्वारा छोड़े गए मलबे के रास्ते से गुजरती है। उस मलबे में धूल, बर्फ और छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जो अंतरिक्ष में बिखरे रहते हैं। जब ये धरती के वायुमंडल में तेजी से प्रवेश करते हैं, तो तेज घर्षण के कारण जलने लगते हैं और चमकदार रेखा बन जाती है। यही चमकदार रेखाएं उल्का के रूप में हमें साफ नजर आती हैं।
#3
कब और कहां दिखती है उल्का वर्षा?
उल्का वर्षा साल में कुछ खास समय पर ही दिखती है। इसे देखने के लिए रात का समय सबसे अच्छा होता है, जब आसमान साफ हो, प्रदूषण कम हो और चांदनी कम हो। अगस्त में होने वाली पर्सीड उल्का वर्षा जो काफी प्रसिद्ध होती है। ग्रामीण इलाकों या कम रोशनी वाले खुले क्षेत्रों से इसे आसानी से देखा जा सकता है। कुछ उल्का वर्षाएं इतनी शानदार होती हैं कि एक घंटे में सैकड़ों चमकती हुई उल्काएं साफ दिखती हैं।