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दुनिया के सबसे बड़े कैमरे से ली गईं पहली तस्वीर, मिले हजारों नए एस्ट्रोयड
दुनिया के सबसे बड़े कैमरे से ली गईं पहली तस्वीर (तस्वीर: वेरा रुबिन ऑब्जर्वेटरी)

दुनिया के सबसे बड़े कैमरे से ली गईं पहली तस्वीर, मिले हजारों नए एस्ट्रोयड

Jun 23, 2025
02:05 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के वेरा रुबिन ऑब्जर्वेटरी से ली गई पहली तस्वीर दुनिया के सामने आ गई है। इन तस्वीरों को दुनिया के सबसे बड़े कैमरे की मदद से लिया गया है, जिनमें लाखों दूर स्थित तारों और आकाशगंगाओं की झलक देखी जा सकती है। यह वेधशाला चिली के एंडीज पहाड़ों में स्थित है और इसका उद्देश्य पूरे ब्रह्मांड की अद्भुत तस्वीरों को रिकॉर्ड करना है। यह तस्वीरें ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों की ओर पहला कदम मानी जा रही हैं।

एस्ट्रोयड 

तस्वीरों में दिखे हजारों एस्ट्रोयड 

ऑब्जर्वेटरी से शुरुआती 10 घंटे की परीक्षण तस्वीरों में 2,104 एस्ट्रोयड का पता चला, जिनमें से 7 पृथ्वी के पास से गुजरने वाले नए एस्ट्रोयड हैं। ये सभी एस्ट्रोयड पहले कभी नहीं देखे गए थे। इन तस्वीरों में दूर-दराज की आकाशगंगाओं के अलावा, ट्रिफिड और लैगून नेबुला जैसे तारा-निर्माण क्षेत्रों की साफ तस्वीरें भी शामिल हैं। इस ब्रह्मांडीय मोजेक में गैस और धूल के बादलों की झलक भी मिलती है।

ब्रह्मांड 

ब्रह्मांड की व्यापक झलक मिली 

वेरा रुबिन ऑब्जर्वेटरी के शेयर किए गए वीडियो में 1,100 से ज्यादा तस्वीरों को जोड़ा गया है, जो 2 आकाशगंगाओं से शुरू होकर लगभग 1 करोड़ आकाशगंगाओं तक जूम आउट करता है। यह उस 20 अरब आकाशगंगाओं का मात्र 0.05 प्रतिशत हिस्सा है, जिन्हें यह वेधशाला अगले 10 वर्षों में देखेगी। रुबिन की गति और क्षेत्रफल की वजह से वैज्ञानिक हर रात हजारों तस्वीरें ले पाएंगे, जो बदलते ब्रह्मांड की कहानी बताएंगी।

 रहस्य 

अनदेखे रहस्य खोजने में सक्षम 

वेधशाला की खासियत है कि यह छोटी, धुंधली वस्तुओं को भी खोज सकती है। इसमें लगा संवेदनशील कैमरा और तेज गति वाली दूरबीन किसी भी संभावित अंतरतारकीय धूमकेतु या एस्ट्रोयड को पकड़ने में सक्षम है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वेधशाला खोज मशीन की तरह काम करेगी जो अन्य दूरबीनों को भी नए अवलोकनों के लिए रास्ता दिखा सकती है। हर रात लाखों बदलती खगोलीय गतिविधियों पर भी इसकी नजर होगी।

अन्य

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी को समझने में मदद 

रुबिन वेधशाला का लक्ष्य डार्क मैटर और डार्क एनर्जी जैसे रहस्यों की खोज करना भी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह वेधशाला अरबों आकाशगंगाओं की बार-बार तस्वीरें लेकर ब्रह्मांड के विस्तार की रफ्तार और स्वरूप को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगी। यह दूरबीन प्रसिद्ध खगोलशास्त्री वेरा रुबिन के नाम पर है, जिन्होंने डार्क मैटर के अस्तित्व के शुरुआती सबूत दिए थे। आने वाले दिनों में इससे ली गई और तस्वीरें सामने आएंगी।