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    ISRO अंतरिक्ष में फंसे NVS-02 सैटेलाइट को लेकर क्या बना रहा योजना? 
    ISRO के नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 पर खतरा (तस्वीर: ISRO)

    ISRO अंतरिक्ष में फंसे NVS-02 सैटेलाइट को लेकर क्या बना रहा योजना? 

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Feb 03, 2025
    08:59 pm

    क्या है खबर?

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट सही कक्षा में पहुंचाने में समस्या आ रही है।

    29 जनवरी को GSLV-F15 रॉकेट से लॉन्च किया गया सैटेलाइट अपनी ऊंचाई बढ़ाने में असफल रहा, क्योंकि इसकी ऑन-बोर्ड थ्रस्टर्स में खराबी आ गई।

    यह 170 किलोमीटर की पेरीजी और 36,577 किलोमीटर की अपोजी वाली अंडाकार कक्षा में स्थित है। ऐसे में इसका उपयोग सीमित हो सकता है, लेकिन ISRO वैज्ञानिक इसे मौजूदा कक्षा में अधिकतम उपयोग के उपाय तलाश रहे हैं।

    योजना

    क्या है ISRO की योजना? 

    ISRO के NVS-02 सैटेलाइट का मुख्य लिक्विड एपोगी मोटर (LAM) इंजन अब काम नहीं कर रहा, जिससे सैटेलाइट का परिगी ऊंचाई 170 किलोमीटर पर बनी हुई है।

    यह ऊंचाई 200 किलोमीटर से कम है, जिससे सैटेलाइट की कक्षा अस्थिर हो गई है। ऐसे में ISRO की योजना अपने एटीट्यूड कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर्स का उपयोग करके परिगी ऊंचाई को थोड़ा बढ़ाने की है।

    इससे सैटेलाइट को अधिक स्थिर कक्षा में लाया जा सकेगा, जिससे उसकी कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है।

     संभावना 

    GSO ऑर्बिट में जाने की संभावना कम 

    ISRO का मुख्य उद्देश्य NVS-02 सैटेलाइट को स्थिर कक्षा में लाना है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि इसे गोलाकार GSO कक्षा में पूरी तरह से नहीं पहुंचाया जा सकेगा।

    ISRO के प्रयासों के बाद, सैटेलाइट को अंडाकार कक्षा में रखा जाएगा। इसके बाद, ISRO इसे उसके मूल नेविगेशन उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का समाधान निकालेगा।

    हालांकि, सैटेलाइट की कक्षा के अस्थिर होने के कारण इसे सही तरीके से काम में लाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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