
सूर्य की सबसे नजदीकी तस्वीर से नासा को क्या कुछ चला पता?
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पार्कर सोलर प्रोब अंतरिक्ष यान ने पिछले हफ्ते सूर्य की अब तक की सबसे नजदीकी तस्वीर ली है। यह तस्वीर सूर्य की सतह से सिर्फ 61 लाख किलोमीटर की दूरी से ली गई है। इसने सौर वायु और कोरोना की विशेषताओं को बहुत करीब से दिखाया है। ये तस्वीरें वैज्ञानिकों को सूर्य की सतह से निकलने वाली ऊर्जा और उसकी दिशा की गहराई से समझ देने में मदद कर रही हैं।
सौर वायु
सौर वायु और चुंबकीय प्रभावों की जानकारी मिली
नई तस्वीरों से पता चला है कि सूर्य से निकलने वाली सौर वायु, जो विद्युत आवेशित कणों की धारा है, किस तरह पूरे सौरमंडल में फैलती है। इसमें यह भी देखा गया कि सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा कैसे बदलती है। इसके साथ ही, तस्वीरों में कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के आपस में टकराने की घटनाएं भी रिकॉर्ड की गईं, जो अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करती हैं और पृथ्वी पर तकनीकी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
वायु
धीमी और तेज सौर वायु की पहचान में मदद मिली
डाटा से वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद मिली कि तेज़ सौर वायु स्विचबैक नाम की चुंबकीय हलचलों से जुड़ी होती है। वहीं, धीमी सौर वायु 2 प्रकार की होती है, जिसमें एक जो चुंबकीय बदलाव दिखाती है और दूसरी जो नहीं दिखाती। यह जानकारी सूर्य के वातावरण की जटिलता को समझने में एक बड़ा कदम है और इससे सौर पवन की उत्पत्ति का रहस्य और करीब से समझा जा रहा है।
लाभ
आने वाले समय में अंतरिक्ष मिशनों को लाभ
इस मिशन से मिले डाटा का उपयोग भविष्य के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने में होगा। इससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा, सैटेलाइट की स्थिरता और पृथ्वी पर तकनीकी प्रणालियों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 15 सितंबर, 2025 को अगली उड़ान के दौरान और भी गहराई से नई और उपयोगी जानकारी प्राप्त होगी, जो सूर्य की गतिविधियों को समझने में क्रांतिकारी साबित हो सकती है।