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ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन 2025 किया लॉन्च, क्या है यह और कैसे लें इसमें भाग?
ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन 2025 किया लॉन्च

ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन 2025 किया लॉन्च, क्या है यह और कैसे लें इसमें भाग?

Jun 19, 2025
12:41 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी नारायणन ने 'भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन (BAH) 2025' की शुरुआत की है। यह हैकथॉन भारत के युवाओं और नए आइडिया वाले लोगों के लिए एक अच्छा मौका है। इसका आयोजन ISRO द्वारा किया जा रहा है, जिसमें प्रतिभागियों को सीधे अंतरिक्ष क्षेत्र की असली समस्याओं पर काम करने का मौका मिलेगा। आवेदन की अंतिम तिथि 9 जुलाई, 2025 तय की गई है।

 हैकथॉन 

क्या है भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन 2025?

भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन 2025 एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है, जहां छात्र, शोधकर्ता और डेवलपर मिलकर ISRO की चुनौतियों पर समाधान विकसित करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) तथा स्पेस डाटा के उपयोग से अंतरिक्ष मिशनों को सहयोग देना है। इसमें शामिल होने वालों को ऐसे समाधान तैयार करने होंगे, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयोगी साबित हो सकें।

तरीका

हैकथॉन में कैसे लें भाग?

प्रतिभागी सबसे पहले ISRO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर हैकथॉन के लिए पंजीकरण करें। इसके बाद, समान रुचि वाले लोगों के साथ मिलकर एक टीम बनाएं और फिर ISRO द्वारा दिए गए विभिन्न समस्या कथनों में से एक को चुनें। चुनौती चुनने के बाद मेंटर्स और उपलब्ध संसाधनों की मदद से नई खोज करें। अंत में, तैयार समाधान को मूल्यांकन के लिए सबमिट करना होगा। पूरा प्रोसेस ऑनलाइन किया जा सकता है।

 चुनौतियां 

हैकथॉन में कौन-कौन सी चुनौतियां होंगी?

हैकथॉन में 14 अलग-अलग तकनीकी चुनौतियां शामिल हैं, जैसे जंगल की आग की सटीक भविष्यवाणी, क्लाउड की गति को ट्रैक करना, वायु प्रदूषण की निगरानी, चंद्रमा पर भूस्खलन की पहचान और चंद्रयान इमेज से डाटा विश्लेषण करना समेत कई अन्य। AI, ML, सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों पर आधारित इन विषयों पर टीमें काम करेंगी। इन विषयों के समाधान ISRO के भविष्य के सभी मिशनों को उपयोगी इनपुट देंगे।

लाभ

प्रतिभागियों को क्या लाभ मिलेंगे?

प्रतिभागियों को ISRO के वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन मिलेगा और चयनित टीमों को ISRO में इंटर्नशिप का अवसर भी मिल सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय स्तर की मान्यता मिलने से छात्रों और प्रोफेशनल्स की प्रोफाइल को मजबूती मिलेगी। यह कार्यक्रम छात्रों को लाइव प्रोजेक्ट पर काम करने का अनुभव देगा। इसके साथ ही, प्रतिभागियों को अपने विचारों को साकार करने और देश के अंतरिक्ष विकास में योगदान देने का अनूठा अवसर मिलेगा।