
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने के मिशन के बाद काम पर लौटीं वापस
क्या है खबर?
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने के मिशन के बाद पृथ्वी पर आने के बाद अब काम पर वापस लौट आई हैं।
उनके साथ अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी लौटे हैं। वापसी के बाद दोनों ने शारीरिक कमजोरी से उबरने के लिए कई हफ्तों तक इलाज कराया।
विल्मोर ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण के कारण शरीर में संतुलन की दिक्कतें होती हैं, लेकिन कुछ हफ्तों में यह ठीक हो जाती हैं और अब वे सामान्य महसूस कर रहे हैं।
मिशन
...जब छोटा मिशन लंबा बन गया
विलियम्स और विल्मोर केवल 8 दिनों के परीक्षण मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण वे 9 महीने तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर रहे।
वापसी पर उन्हें मांसपेशियों की ताकत और संतुलन दोबारा पाने के लिए इलाज और व्यायाम करना पड़ा। नासा की टीम ने उनकी रोजाना देखभाल की।
विलियम्स ने बताया कि शरीर की दर्जनों मांसपेशियां फिर से काम करने लगी हैं, लेकिन शुरुआत में थकावट रहती थी और सुबह उठना भी मुश्किल होता था।
समस्या
अंतरिक्ष में आराम, लेकिन पृथ्वी पर लौटते ही दर्द
विलियम्स ने बताया कि अंतरिक्ष में शरीर को ज्यादा तनाव नहीं होता, जिससे पहले की पीठ और गर्दन की परेशानियां अपने आप ठीक हो गई थीं, लेकिन जैसे ही वे पृथ्वी पर लौटे, वही पुराना दर्द वापस आ गया।
विल्मोर ने मजाक में कहा कि जब वे अभी भी कैप्सूल में समुद्र पर तैर रहे थे, तभी उनकी गर्दन फिर से दुखने लगी थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि गुरुत्वाकर्षण की कमी का शरीर पर अलग-अलग असर पड़ता है।
सवाल
स्टारलाइनर की गड़बड़ियों के बाद अगली उड़ान पर सवाल
स्टारलाइनर की तकनीकी खराबी से नासा को कैप्सूल को बिना चालक दल के वापस लाना पड़ा।
अब बोइंग को फैसला करना है कि अगली बार उसे पहले बिना किसी अंतरिक्ष यात्री के उड़ाया जाए या नहीं। विलियम्स का मानना है कि यह सही कदम होगा, क्योंकि स्पेस-X और रूस ने भी ऐसा ही किया था।
नासा अब गर्मियों में नई परीक्षण उड़ान की योजना बना रही, ताकि पता चल सके कि स्टारलाइनर मनुष्य ले जा सकता है या नहीं।