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2020 में कई गुना बढ़े साइबर क्राइम के मामले, कोरोना वायरस से जुड़ी है वजह

2020 में कई गुना बढ़े साइबर क्राइम के मामले, कोरोना वायरस से जुड़ी है वजह

Dec 27, 2020
10:50 am

क्या है खबर?

कोरोना वायरस महामारी की वजह से 2020 में लोगों के काम करने का तरीका बदला और इसका फायदा साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स ने जमकर उठाया है। हर साल के मुकाबले 2020 में साइबर क्राइम के मामले दुनियाभर में बढ़े हैं। दिल्ली पुलिस ने भी अब साइबर क्राइम से जुड़ा डाटा शेयर किया गया है। भारत में सामने आए साइबर क्राइम के मामलों में 60 प्रतिशत से ज्यादा बैंक अकाउंट्स और पैसों के लेन-देन से जुड़े फ्रॉड हैं।

बैंकिंग फ्रॉड

अटैकर्स ने अकाउंट्स में लगाई सेंध

साइबर क्राइम से जुड़े कुल मामलों में से करीब 62 प्रतिशत बैंकिंग और पैसे से जुड़े फ्रॉड के हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि 2020 में पैदा हुई स्थिति को साइबर क्रिमिनल्स ने एक मौके की तरह देखा। भारत में भीम UPI और पेटीएम जैसे पेमेंट्स ऐप के बारे में लोग कम जागरूक हैं, जिसका फायदा साइबर क्रिमिनल्स को मिलता है। बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड्स की शुरुआत यूजर्स को लुभाने और उनके अकाउंट से जुड़ी जानकारी चुराने से होती है।

डीपफेक

डीपफेक टेक का गलत इस्तेमाल

फोटो और वीडियोज की एडिटिंग कर लोगों को ब्लैकमेल करने के मामले भी इस साल बढ़े हैं। आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियोज में लोगों की शक्लें लगाने वाली डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसके लिए किया जा रहा है। साइबर क्राइम बढ़ने का ट्रेंड भारत में ही नहीं दुनिया भर में देखा गया है और अटैकर्स नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। फिशिंग स्कैम के ढेरों मामले भी दुनिया भर में दर्ज किए गए और लाखों इंटरनेट यूजर्स इनका शिकार बने हैं।

वजह

2020 में क्यों बढ़ गया साइबर क्राइम?

हर साल के मुकाबले 2020 में साइबर क्राइम बढ़ने की वजह इसका कोरोना वायरस कनेक्शन है। लगभग हर बड़े देश में लॉकडाउन और महामारी के दौरान लोगों ने वर्क-फ्रॉम-होम करना शुरू किया। हैकर्स के पास ऐसे लोगों को निशाना बनाने के ज्यादा मौके थे, जो पहली बार घर से काम कर रहे थे या जो नए इंटरनेट यूजर्स बने थे। हर उम्र के यूजर्स 2020 में इंटरनेट से जुड़े और साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें जाल में फंसाने की कोशिश की।

कमजोरी

कंपनियां भी नहीं थीं तैयार

यूजर्स के अलावा बड़ी कंपनियां भी कोरोना लॉकडाउन जैसी स्थिति के लिए तैयार नहीं थीं। कई कंपनियों को वर्क-फ्रॉम-होम के दौरान ओपन नेटवर्क का इस्तेमाल करना पड़ा और उनके कई कर्मचारी अपने कंप्यूटर से काम कर रहे थे, जो सुरक्षित नहीं थे। नेटवर्क सुरक्षित ना होने का फायदा साइबर क्रिमिनल्स को मिला और उन्होंने कंपनियों के नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश भी की। कई वेबसाइट्स हैक होने और डाटा चोरी होने के मामले भी 2020 में सामने आए हैं।