बुध ग्रह के भीतर है हीरे की कई किलोमीटर मोटी परत, ऐसे हुआ निर्माण
क्या है खबर?
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह बुध लंबे समय से एक रहस्य बना हुआ है, क्योंकि इसकी सतह अंधेरी और उच्च कोर घनत्व अधिक है।
एक नए अध्ययन से पता चलता है कि इसकी कोर-मेंटल सीमा पर ग्रेफाइट क्रस्ट के नीचे एक मोटी हीरे की परत मौजूद है।
बता दें, खगोलविदों को लंबे समय से पता है कि इसकी सतह में कार्बन का एक रूप ग्रेफाइट काफी मात्रा में मौजूद है।
परत
इतनी मोटी है हीरे की परत
चीन और बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने हाल ही में नेचर कम्युनिकेशंस में एक अध्ययन प्रकाशित किया है, जो बुध की कोर-मेंटल सीमा पर हीरे की परत के बारे में बताता है।
अध्ययन से यह पता चलता है कि बुध के ग्रेफाइट क्रस्ट के नीचे परत 18 किलोमीटर (11 मील) तक मोटी है।
यह खोज ग्रहों के विभेदन प्रक्रियाओं को समझने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है कि कैसे ग्रह अलग-अलग आंतरिक परतों का विकास करते हैं।
निर्माण
कैसे बनी होगी ऐसी परत?
वैज्ञानिकों का मानना है कि हीरे की परत बुध के कार्बन-समृद्ध मैग्मा महासागर के क्रिस्टलीकरण के कारण बनी। जैसे-जैसे ग्रह ठंडा होता गया, इस कार्बन ने सतह पर ग्रेफाइट क्रस्ट का निर्माण किया।
हीरे की परत की उच्च तापीय चालकता बुध की तापीय गतिशीलता और चुंबकीय क्षेत्र निर्माण को प्रभावित करती है। बुध पर देखी गई प्रतिक्रियाएं अन्य ग्रहों पर भी हो सकती हैं, जो संभावित रूप से समान संकेत देती हैं।