पृथ्वी पर पहली बार कैसे आया पानी? वैज्ञानिकों ने ऐसे लगाया पता
क्या है खबर?
अंतरिक्ष के वैज्ञानिक लंबे समय से पृथ्वी जैसे किसी अन्य ग्रहों की तलाश कर रहे हैं जहां पानी मौजूद हो। अब वैज्ञानिकों ने हाल ही में यह पता लगाया है कि आग के गोले जैसी दिखने वाली पृथ्वी को शुरुआती दिनों में पानी का पहला स्त्रोत कैसे मिला।
हीडलबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कुछ उल्कापिंड वर्गों से प्राप्त डाटा की बदौलत सौरमंडल में पानी से भरपूर ब्रह्मांडीय पिंडों के जन्म के बारे में नई जानकारी हासिल की है।
प्रक्रिया
पृथ्वी पर पानी कैसे आया?
शोध में पाया गया कि कुछ ग्रह बहुत तेजी से बने। इन ग्रहों ने इतना तीव्र ताप अनुभव किया कि वे पूरी तरह पिघल गए, जिससे पानी नष्ट हो गए।
अध्ययन में पता चला कि ग्रहों का दूसरा समूह, सौरमंडल के बाहरी क्षेत्रों में ठंडे तापमान पर बाद में बना, जिसमें पृथ्वी भी शामिल है। इन ग्रहों को कम तापीय वातावरण का लाभ मिला, जिससे उन्हें अपने पानी की मात्रा को संरक्षित करने की अनुमति मिली।
शोध
ऐसे बचा रह गया पानी
संरक्षित पानी क्रिस्टलीय संरचनाओं के भीतर फंसा हुआ था, जिससे ये पिंड सौरमंडल के विकास के बाद के चरणों में बनने के बावजूद अपने अस्थिर तत्वों को बरकरार रख सके।
सौरमंडल के बाहर ग्रहों के पिंडों का जन्म हमारे सौरमंडल के समान ही भौतिक नियमों पर चलता है, इसलिए शोध दल का मानना है कि ब्रह्मांड में कहीं और भी पृथ्वी जैसे ग्रह हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों का अनुमान है भविष्य में इन ग्रहों के बारे में पता चलेगा।।